किस्सा- कहानी

ख़त्म होती यमुना

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हमारे भारतवर्ष में सभी नदियों को देवी-देवताओं की तरह पूजा जाता रहा है. किन्तु आज की स्तिथि को देखते हुए, इसने एक विडंबना का रूप ले लिया है. आज यमुना नदी देश की सबसे प्रदूषित नदी में से एक है. यमुना आगरा, दिल्‍ली, मथुरा, एवं इसके आस पास के शहरों का सबसे बड़ा पानी का स्रोत है. लेकिन सच्चाई तो ये है कि इसकी साफ़ सफाई की तरफ कोई खास ध्यान नहीं दे रहा.

यमुना कई राज्यों को पार करती है: हरियाणा और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बाद में दिल्‍ली से गुजरते हुए यह रास्ते में अपनी कई सहायक नदियों से मिलती है. यह भारत और गंगा के मैदान में अपने और गंगा के बीच अत्यधिक उपजाऊ अल्लुविल सॉइल यमुना-गंगा दोआब क्षेत्र बनाने में मदद करता है. यमुना के पानी पर लगभग 57 मिलियन लोग निर्भर करते हैं. यमुना के पांच खंड हैं- हिमालयन सेगमेंट (उद्गम से ताजेवाला बैराज 172 किमी), अपर सेगमेंट (ताजेवाला बैराज से वजीराबाद बैराज 224 किमी), दिल्‍ली सेगमेंट (वजीराबाद बैराज से ओखला बैराज 22 किमी), यूट्रीफाइड सेगमेंट (ओखला बैराज) 490 किलोमीटर), और पतला खंड (चंबल कंफ्लुएंस टू गंगा कॉन्फ्लुएंस 468 किलोमीटर).

दिल्‍ली में यमुना-

यमुना अपने दिल्‍ली खंड में सबसे अधिक प्रदूषित है. यमुना नदी पलल्‍ला गाँव से दिल्‍ली में प्रवेश करती है. 22 नाले यमुना में गिरते हैं. इनमें से 18 नाले सीधे नदी में और 4 आगरा और गुड़गांव नहर के माध्यम से गिरते हैं. राजधानी अपना 58% कचरा नदी में बहा देती है. नदी के पानी में खतरनाक दर से प्रदूषक बढ़ रहे हैं. वहीं, यमुना के किनारे दिल्‍ली और शहरों में भूमिगत जल, जल प्रदूषण के कारण प्रदूषित हो रहा है. अधिकारियों में से एक धारा यमुना नदी को “सीवेज नाली” भी माना जाता है. दिल्‍ली सीवेज के 1,900 मिलियन लीटर प्रति दिन (॥॥|०0) का उत्पादन कर रही है, लेकिन दिल्‍ली जल बोर्ड (018) जो सीवेज के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है, शहर में उत्पन्न कुल सौंवेज का केवल 54 प्रतिशत का संग्रह और उपचार कर रहा है.

क्या बोल रही है सरकार-

आरतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य प्रमुख मनोज तिवारी ने आज लोकसभा में यमुना नदी में प्रदूषण का मुद्दा उठाया और इसे रोकने के लिए कदम उठाए जाने की मांग की. “यमुना खतरे मैं है. यह ओखला के आसपास अधिक खतरा है जहां यमुना के किनारे 3,000 घर बनाए जा रहे हैं. इस पर एक जांच होनी चाहिए और यमुन्त्र के प्रदूषण की जांच के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.” करें यमुना के पानी का संग्रह- सरकार बना रही है नई स्कैम, जिसमे सबसे महत्त्वपूर्ण है यमुना के पानी का संग्रह किया जाना, जो कि तालाब मैं पानी को रख कर किया जा सकता है. मॉनसून में यमुन्त्र डूब क्षेत्र में पानी संग्रहण का ग्राउंड वाटर रिचार्ज का काम शुरू कर दिया जाए. ये कर सकता है पानी को बचाने में मदद.

वर्षा जल संग्रहण को घर घर में बनाएं-

घर्रो मैं वर्षा जल्न संग्रहण लगाकर पानी बचाने के ब्रिए, काफी समय से जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं. भूजल स्तर दिल्‍ली में अपनी आखिरी सांस ले रहा है, और अगर आने वाले समय में हमे फनी चाहिए है, तो वर्षा जल संग्रहण में अपना हाथ आजमाने होगा. हर घर में अगर वर्षा का जल संग्रहित करना शुरू कर दिया जाए, तो हम पानौ की छोटी छोटी समस्याओं से निजात फ॒ लेंगे.

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