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भूटान: जिसकी विदेश और रक्षा नीति भारत बनाती है।

किस्सा- कहानी

भूटान: जिसकी विदेश और रक्षा नीति भारत बनाती है।

भूटान: जिसकी विदेश और रक्षा नीति भारत बनाती है।

भूटान दक्षिण एशिया में हिल्लामय की पहाड़ियाँ पर बसा एक ए्रेटा-सा देश है. जिसकी कुस आबादी 8 लाख से थोड़ी अधिक है. स्थानीय भाषा में इस देश का नाम ‘जूग्युल’ है. यह मुख्यतः एक पहाड़ी देश है, लेकिन इसके दक्षिण हिस्से में थोड़ी-सी समतल्र भूमि भी है. जिसपर खेती की जाती है. भूटान भारत का सबसे करीब मित्र देश है. यहाँ जाने के लिए आपको वौजा खेने की औ जरूरत नहीं. भूटान के बारे और भी कितनी ऐसी बाते हैं जो हमे रोमांचित कर सकती है. तो आइए आज हम अपने मित्र देश भूटान के बारे में कुष्ठ रोधक बातों को जानते हैं.

अविकास का पैमाना सकल घरेलू उत्पाद नहीं सकल घरेलू खुशी!

भूटान में आर्थिक उन्नति को है विकास का पैमाना नहीं माना जाता. यहाँ नागरिकों की खुशी का विशेष डयाल रखा जाता. इसके लिए बकायदा मंत्रालय भी बनाया गया है.

#अभझी भी राजतंत्र,

जी हों, सही सुना आपने. भूटान में आज भी राजतंत्र ही चल रहा है. यहाँ का राजा है प्रधान शासक होता है. लेकिन यहाँ का राजतंद्र निरंकुश नहीं है. बल्कि इसके ऊपर संवैधानिक संस्थाओं क्य नियत्रण भी है. 2006 से यहों पर चुनाव औ होते हैं. चुनाव के माध्यम से चुने गए सांसदी में से मंत्रिमंडल का गठन होता है. ये मन्विमण्डल राजा के साथ मिलकर देश की सला सम्भालती है.

दुनिया से अलग. अूटानी लोग अपनी परम्पराओं और संस्कृति को लेकर काफी संवेटनशौल होते हैं. ये इसमें किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं चाहते. यही कारण है कि अूटान में बाहरी बा दुनिया का उतना प्रभाव नहीं है. टीवी और मोबाईल फोन यहाँ कुछ वर्ष पहले ही आए हैं. बाहरी पर्यटर्को को भी यहाँ आने के लिए काफी मसककत करनी पड़ती है और रुपये मी चुकाने पड़ते हैं. लेक्नि अगर आप भारत के निवासी हैं तो बिना किसी समस्या के. बिना वीजा के भी आूटान में जा सकते हैं. #रक्षा व विदेश नीति के लिए आरत पर निर्भर. दरअसल्ल 1885 में ब्रिटेन और अूटान के बीच एक समझौता हुआ जिसे ‘सिनचुलु संधि’ के नाम से जाना जाता है. इसके तहत वार्षिक अनुदान पर भूटान का कुछ आूभाग और विदेश नीति बनाने की जिम्मेदारी ब्रिटेन को दे दी गई. 1947 में आज़ादी के बाद भारत ने अूटान क्ने उसकी भूमि लीटा दी.लेकिन आपसी समझाँते तहत मूटान की रक्षा एवं विदेश नौति बनाने की जिम्मेदारी आरत की है. यही कारण है कि झूटान, भारत का एकमात्र पडद्लेसी देश है, जिसका चौन के साथ किसी प्रकार का कोई सम्बन्ध नहीं है.

अआय के लिए आरत पर निर्भर. अूटान के राष्ट्रीय आय का एक बड़ा हिस्सा आरत को बिजली बेच कर आती है. और मज़े की बात ये है कि यहाँ के सारे बिजली प्लांट भारत की मदद से ही तैयार

अूटान की ज्यादातर आबादी बाँदध धर्म की वज्यान सम्प्रदाय को मानती है. हिन्दू यहाँ की सबसे बड़ी अल्पसंख्यक समुदाय है. ज्यादातर हिन्दू नेपाली मूल के हैं, जो अपने अधिकारों को लेकर आंदोलन करते रहे हैं.

#प्रकृति के करीब भूटान का कानून कहता है कि देश के 60% भूभाग पर जंगल होना ही चाहिए. यहाँ प्लास्टिक बैग 1999 से ही प्रतिबंध है. यहाँ के लोग पारंपरिक रूप से प्रकृति प्रेमी माने जाते हैं. आज भी यहा के लोग पेड लगाने मेँ काफ़ी आगे हैं. यहाँ हर खुशी के माँके पर पेड लगाने की परंपरा है. मात्र | घण्टे में 50000 पेड लगाने का विश्व रिकॉर्ड भौ भूटान के नाम है.

#वर्तमान स्थिति

कम ही सही लेकिन भूटान में भी अब आधुनिकता देखने को मिल रही है. स्मार्टफोन की तरफ यहां के युवाओं का रुझान काफी सकारात्मक है. पिछले कुछ वर्षों में यहाँ स्ट्रीट लाइफ का चलन बढा है. भूटान में राजतंत्र होते हुए भौ राजा स्वच्छंद नहीं है. उसके ऊपर संसद का नियंत्रण होता है. संसद की दो तिहाई बहुमत से राजा को हटाया भी जा सकता है. वर्तमान में यहाँ दो प्रमुख राजनीतिक दल्र सक्रिय हैं. आूटान पीस एंड प्रोस्पेरिटी पार्टी और भूटान डेमोक्रेटिक पार्टी. वर्तमान राजा जिग्मे खेसार वांगचुक हैं. इन्होंने 2006 में सता संभाली थी.

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