धर्म- कर्म

स्वयं महादेव है बनारस के राजा, इसलिये काशी नरेश ने बनवाया बनारस के बाहर अपना किला.

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इस जग के मालिक भगवान विश्वनाथ स्वयं काशी के राजा है. काशी अर्थात बनारस या वाराणसी का इतिहास धरती पर सबसे प्राचीन है. विदेशी यात्री और दार्शनिक मार्क ट्विन ने भी यह कहा था, काशी का इतिहास धरती पर सबसे पुराना है. जब मानव ने इतिहास लिखने की परंपरा भी नही बनायी थी तब से काशी इस धरती पर है. काशी जिसे हम समान्यतः बनारस कहते है, इसे स्वयं भगवान शिव ने बनाया था. काशी यानी धर्म की नगरी मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग. काशी पावन माँ गंगा के तट पर स्तिथ है. भगवान शिव ने अपनी पहली पत्नी सती का अंतिम संस्कार भी बनारस के महकर्णिका घाट पर किया था. यह मान्यता है कि बनारस में मरने से जन्म- पुनर्जन्म का बंधन ख़त्म हो जाता है. मृत्यु भी जहां मंगल हो उस नगरी का नाम काशी है.

एक नगर में एक राजा ही होते है. एक नगर में दो राजा नहीं हो सकते. जब एक नगर में दो राजा नहीं हो सकते तो एक नगर में दो राजाओं का महल भी नहीं हो सकता. काशी की जनता भगवान महादेव को अपना राजा मानती है इसलिये काशी नरेश का किला भी बनारस के घाट उसपार राम नगर में है. काशी नरेश भले ही बनारस का राज-काज देखते हो लेक़िन बनारस के प्रजा के लिये राजा स्वयं महादेव ही रहें.

धर्म की नगरी काशी का इतिहास बहुत रोचक है. काशी नगरी से जुड़ी विभन्न कहानी हम बिहारी आपके बीच समय-समय पर लाता रहेगा जुड़े रहे हमारे वेबसाइट अच्छा जी डॉट कॉम के साथ.. बम- बम भोले, बम-बम काशी.

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