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प्रलय का भी प्रभाव नहीं पड़ता बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी पर

धर्म- कर्म

प्रलय का भी प्रभाव नहीं पड़ता बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी पर

धर्म की नगरी काशी यानी बनारस का इतिहास कई युगों से भी पहले का है. भगवान महादेव ने कैलाश पर्वत के अलावा कही वाश किया तो वह नगर सिर्फ़ काशी है. यही कारण है कि युगों से आजतक काशी पर किसी प्रलय का प्रभाव नहीं हुआ. भगवान विश्वनाथ प्रलय औऱ निर्माण दोनों के ही देव है. बाबा विश्वनाथ की नगरी धरती पर स्वयं धर्म की नगरी है. सनातन मान्यता का जीवंत नगर काशी की महत्ता का शास्त्रों में भी उल्लेख है. भारत में प्रसिद्ध भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में बनारस में स्थित बाबा विश्वनाथ के ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है. महादेव के विभिन्न रूप है, सृष्टि पर निर्माण और प्रलय के कारक महादेव मोक्ष दायक है. महादेव की भक्ति मनुष्य के भीतर उद्देश्य की जागृति लाती है. काशी का इतिहास धरती पर सबसे प्राचीन है, क्योंकि काशी का निर्माण स्वयं महादेव ने किया है. शांती स्वरूपा माँ गंगा के तट पर स्थित बनारस नगरी सदैव से पूजनीय और वंदनीय रहीं है.

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