फोकट का ज्ञान

भारत के संघर्षों के दम पर मिली थी बांग्लादेश को आजादी.. अटल बिहारी वाजपेयी का था, बड़ा योगदान.

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बांग्लादेश जो कभी क्रूर पाकिस्तान का हिस्सा था. बांग्लादेश अगर आज आज़ाद है, तो भारत की इसमें अहम भूमिका रही है. वैसे किसी भी मुल्क को गुलामी के बेड़ियों से आजाद होने में सदियों लग जाते हैं. जिसके लिए उस मुल्क को ना जाने कितनी कुर्बानी देनी पड़ती है और इस कुर्बानी में अगर कोई आपके साथ खड़ा हो तो उनलोगों के लिये आजादी की जंग और आसान हो जाती है. इसी तरह बांग्लादेश के साथ उसे आजादी दिलाने तक भारत खड़ा रहा और आज यही वजह है कि बांग्लादेश भारत के इन एहसानों को कभी नहीं भुला सकता है.

यही वह वजह है की आज वह अपने मुल्क में बेखौफ और आजाद है. कहा जाता है कि बांग्लादेश को आजाद कराने में भारत की बहुत बड़ी भूमिका रही है जो शब्दों में बयां नहीं किए जा सकते हैं.

शायद इस बात से आप बिल्कुल भी अवगत नहीं होंगे कि जब-जब आजादी के लिए बांग्लादेश ने लड़ाई लड़ी तब- तब उसके साथ और उसके पीछे भारत खड़ा रहा फिर चाहे बांग्लादेशियों पर पाकिस्तानियों का अत्याचार हो या फिर उन पर होने वाले किसी तरह की हिंसा. भारत ने हर बार बांग्लादेश की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है.


यह उस दौर की बात है जब कभी बांग्लादेश में पाकिस्तानियों का खौफ और अत्याचार इतना बढ़ गया था तब मदद का हाथ आगे बढ़ाते हुए वहां से आए लाखों बांग्लादेशियों को भारत ने अपने देश में एक नागरिक की तरह शरण और सम्मान दिया. इतना ही नहीं अपने देश में उन्हें वह सारी सुविधाएं दी, जो मिलनी चाहिए. शायद यही वजह है कि जब-जब बांग्लादेश की आजादी का किस्सा उठता है तब तक भारत का नाम सामने आता है.


आपको बता दें कि बांग्लादेश की आजादी के लिए पहल करने वाले हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई थे, जिन्होंने 1971 में एक सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की और इस आंदोलन में महिला, बच्चे सहित हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए जिन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया तो कई के साथ दुर्व्यवहार किया गया, लेकिन आजादी की लड़ाई में कोई पीछे नहीं रहा. भारत के अनगिनत संघर्षो और कुर्बानीयो के बाद बांग्लादेश को आजादी मिली थी.

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