ओ तेरी..

जवाहर लाल नेहरू नहीं बल्कि सुभाष चंद्र बोस थे देश के प्रथम प्रधानमंत्री –

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आज जब भी कोई हमसे देश के पहले प्रधानमंत्री के बारे में सवाल करता है तो हम बिना रुके पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम लेते हैं. वैसे इसमें हम गलत भी नहीं है, क्योंकि हमें बचपन से किताबों के माध्यम से यही पढ़ाया गया है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू हमारे प्रथम प्रधानमंत्री है, पर असल में जो सच्चाई है वह बेहद ही चौंकाने वाला है.


“तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा” का नारा लगाने वाले सुभाष चंद्र बोस हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री थे. यह बात सुनकर शायद आप हमारी बातों पर यकीन नहीं करेंगे, पर आपको यह भी बता दें कि इस सच्चाई के पीछे जुड़ा बहुत बड़ा तथ्य छुपा है जो आजतक आप तक पहुंच ही नहीं पाया.

आजाद हिंद सरकार के प्रमुख और उसके नेता कहलाने वाले सुभाष चंद्र बोस ने जब भारतीय तिरंगे को पहली बार अंडमान निकोबार में लहराया था तो केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इसकी चर्चा हुई थी, जिसके कुछ समय बाद सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद सरकार को 9 देशों की सरकार से मान्यता दे दी गई. इतना ही नहीं जर्मनी, फिलिपिंस, थाईलैंड, मंचूरिया और क्रोएशिया जैसे देशों ने भी बाद में सुभाष चंद्र बोस की सरकार को स्वीकार कर लिया, जिसके बाद से ही वह हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री बन गए.


इसके बाद सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज ने एक-एक करके इतिहास रचने की ओर अपना कदम आगे बढ़ाया. सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज ने पूर्वोत्तर भारत में जाने की रणनीति बनाई और वहां की राजधानी रंगून को अपना मुख्यालय बनाकर राष्ट्रीय तिरंगा लहराया.

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