एक था खलनायक

सद्दाम हुसैन के मौत की पूरी कहानी.. कैसे अंत हुआ एक क्रूर तानाशाह का पढ़े रोचक किस्सा –

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सद्दाम हुसैन वह नाम है जिसने इराक में कई दशक तक तानाशाह बन कर राज किया, हर तानाशाह का एक दिन अंत होता है और निश्चित रूप से सद्दाम हुसैन का भी अंत हुआ, पर यह अंत सिर्फ अकेले सद्दाम हुसैन का नहीं था, यह अंत था एक क्रूर इंसान का, उसने जाते-जाते कई लोगों को बेवजह मौत के घाट उतारा था.


5 नवंबर 2006 को सद्दाम हुसैन को मौत की सजा सुनाई गई थी. सद्दाम पर एक या दो नहीं बल्कि हजारों लोगों की हत्या का आरोप था, जहां इराक की स्पेशल ट्रिब्यूनल के तहत सद्दाम को साल 1982 में दूजाली कस्बे में हुई सैकड़ों से भी ज्यादा लोगों की हत्या के आरोप में 30 दिसंबर 2006 को फांसी पर लटकाया गया.

सबसे रोचक बात आपको बता दें कि अपनी फांसी की खबर सुनने के बाद सद्दाम हुसैन ने इससे बचने के लिए कई पैतरे आजमाएं, पर कोई भी काम नहीं आया. सद्दाम से फांसी के वक्त जब उसकी अंतिम इच्छा पूछी गई तो उन्होंने बताया था कि उन्हें फांसी नहीं बल्कि शूट करके मारा जाए, ताकि वह सम्मानजनक मौत मर सके, लेकिन उसकी यह इच्छा पूरी नहीं हुई.


बात साल 2003 से शुरू हुई जब अमेरिका ने ईरान के साथ युद्ध की शुरुआत की. उस वक्त सद्दाम हुसैन इराक के पांचवें राष्ट्रपति थे, जहां अमेरिकी सैनिकों ने मिसाइल और तरह- तरह के हथियारों से इराक में जमकर हमला किया और लगभग एक लाख इराक के लोग इसमें मारे गए और महज 21 दिनों में ही अमेरिका ने इराक के बड़े-बड़े शहरों पर अपना कब्जा जमा लिया, पर उस वक्त सद्दाम हुसैन अमेरिका के हाथों से दूर थे, पर अमेरिका को 13 दिसंबर 2003 में कामयाबी मिली और उन्होंने सद्दाम हुसैन को पकड़ा.

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