फोकट का ज्ञान
जब बिहार और बंगाल थे एक ही राज्य.. आख़िर क्यों हुए अलग
बिहार जो गौतम बुद्ध और महावीर की भूमि है. उसे सांस्कृतिक रूप से भी उतना ही संपन्न माना जाता है. जो बातें पूरे विश्व में बिहार का प्रचार- प्रसार करता है. जहां महात्मा बुध, हर्यक वंश, अजातशत्रु, नंद वंश जैसे बुद्धिजीवी का वास रहा और यह वही बिहार है जहां भगवान महावीर, गुरु गोविंद सिंह ने जन्म लिया.
कहा जाता है कि बिहार को बंगाल से अलग करना यह एक अभियान था जिसे बिहार के कुछ नेताओं एवं बुद्धिजीवियों द्वारा शुरू किया गया था और बाद में जाकर यह अंग्रेजो की मजबूरी बन गई और धीरे-धीरे यह अभियान कब आंदोलन का रूप ले लिया यह किसी को पता नहीं चल पाया. 22 मार्च 1912 से इसकी शुरुआत की गई जब ब्रिटिश इंडिया के गवर्नर लॉर्ड हार्डिंग्स सम्राट जॉर्ज पंचम के कहने पर बिहार, बंगाल, उड़ीसा और असम के गठन की बात की. उस वक्त संयुक्त बिहार और उड़ीसा प्रांत का एकीकरण करके बिहार नाम रखा गया था, जिसके बाद अधिनियम के अनुसार बिहार को पांच प्रमंडल में बांटा गया जिसमें पटना, तिरहुत, छोटानागपुर, भागलपुर और उड़ीसा प्रमंडल शामिल थे. 1912 में जब बंगाल का विभाजन हुआ तब बिहार नाम का एक राज्य नक्शा पर अस्तित्व में आया.
कहा जाता है कि बिहार को तीन बार विभाजन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा.पहली बार 1 अप्रैल 1936 को उड़ीसा प्रमंडल को बिहार से अलग किया गया और फिर 1 नवंबर 1956 को बिहार को पुरुलिया और पूर्णिया जिले के इस्लामपुर को पश्चिम बंगाल में मिला दिया गया और फिर तीसरी बार 15 नवंबर साल 2000 को बिहार के 18 जिलों को मिलाकर झारखंड बना दिया गया.
आजादी से पहले देश में जितने भी आंदोलन हुए उसमें बिहार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें भारत छोड़ो आंदोलन सबसे प्रमुख रहा।
देखा जाए तो विभाजन के बाद प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू रूप से चले इसलिए बिहार राज्य को 9 प्रमंडल तथा 38 जिलो में बांटा गया है। जिलों को क्रमश: 101 अनुमंडलों, 534 प्रखंडों, 8,471 पंचायतों, 45,103 गांवों में बांटा गया है।
एक जानने योग्य बात आपको बता दें कि जब बिहार बंगाल से अलग हुआ तब इसको लेकर बंगाल में कोई खास विरोध नजर नहीं आया. बिहार को अलग राज्य बनाने के पीछे महत्वपूर्ण भूमिका सच्चिदानंद सिन्हा, महेश नारायण समेत कई बुद्धिजीवी की थी, जिनकी यह मंशा थी कि अलग तरह से प्रगति की राह पर चलने के लिए बंगाल से बिहार का विभाजन होना बिल्कुल जरूरी था.