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पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के मौत की पूरी सच्चाई –

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हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री भी उन्हीं लोगों में शामिल हैं, जिनकी मौत एक पहेली बन कर रह गई, जिसका राज किसी को पता नहीं चल पाया पर उनकी मौत के बारे में जो दावे किए गए वह बेहद ही चौंकाने वाले थे. आरटीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि मौत के बाद लाल बहादुर शास्त्री का पोस्टमार्टम भी नहीं किया गया था.

बात 10 जनवरी 1966 के रात की है जिस दिन लाल बहादुर शास्त्री बिल्कुल स्वस्थ थे, पर अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और उनकी सांस तेज चलने लगी जिसके बाद परिवार वालों ने डॉक्टर को बुलाकर इंजेक्शन लगवाया फिर देखा गया कि उनकी सांस की रफ्तार लगातार धीमी होती गई.
शास्त्री जी की स्थिति बिगड़ते देख परिवार वालों ने सोवियत डॉक्टर को बुलाया और इलाज शुरू ही होने वाला था कि उस दौरान उनकी मौत हो गई.

सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि लाल बहादुर शास्त्री के मौत की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया था, जहां आज तक यह केवल सवाल ही बनकर रह गया कि आखिर जांच रिपोर्ट को गुप्त रखने के पीछे क्या वजह थी. हालांकि बाद में लाल बहादुर शास्त्री और उनके परिवार वालों ने यह दावा किया कि उनकी मौत हार्ट अटैक से नहीं बल्कि जहर के कारण हुई है, क्योंकि उनके बॉडी पर नीले रंग के निशान और कुछ कट पाए गए थे. कहा जाता है कि लाल बहादुर शास्त्री पहले से ही दिल के मरीज थे, पर जब 9 जून 1964 को वह देश के पहले प्रधानमंत्री बने तो उन पर दबाव बढ़ता गया.


लाल बहादुर शास्त्री के प्रधानमंत्री बनने के कुछ महीनों बाद भारत- पाकिस्तान युद्ध शुरू हुआ जो करीब 6 महीने तक चला. बाद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति और लाल बहादुर शास्त्री के बीच वार्ता हुई और दोनों देशों के बीच शांतिपूर्वक समझौता हुआ. इसी के कुछ समय बाद लाल बहादुर शास्त्री की मौत की खबर लोगों को मिली.

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