फोकट का ज्ञान
औरंगजेब एक क्रूर राजा, जिसने अपने पिता शाहजहां को ही बना लिया था बंधक..
औरंगजेब का जन्म 3 नवंबर 1618 ईस्वी में हुआ था, जिनके पिता का नाम शाहजहां और माता का नाम मुमताज था. औरंगजेब का जब जन्म हुआ तो उस वक्त उनके दादा जहांगीर का शासनकाल चल रहा था. औरंगजेब ने बचपन से इस्लामिक धर्म साहित्य की पढ़ाई की और तुर्की साहित्य का भी ज्ञान लिया. इसके बाद उन्होंने हस्तलिपि विद्या में महारत हासिल की.
हमारे देश में कई मुगल शासक आए पर इस बीच औरंगजेब इकलौता मुगल बादशाह था, जिसने अपनी क्रूरता की सारी हदें पार कर दी थी. सत्ता पर बैठने के लिए औरंगजेब अपनों की बलि देने से जरा भी नहीं कतराता था और इतना ही नहीं वह सत्ता के लोभ में आकर इतना अंधा हो गया था कि उसने अपने सगे भाई की हत्या कर दी, अपने पिता शाहजहां को जेल में डलवा दिया और शाहजहां के जीवन के आखिरी साढे़ 7 सालों तक उन्हें आगरा के किले में एक कैदी की तरह रखा गया था. यह वही औरंगजेब था जिसने अपने गुरु तेग बहादुर का सर कटवाया, गुरु गोविंद सिंह के बच्चों को जिंदा दीवार में चुनवाया और हिंदुओं पर काफी जुल्म करता था.
हिंदुस्तान की तख्त पर बैठने वाला औरंगजेब अपने सगे संबंधियों का खून बहा कर सत्ता पर बैठा था. यही वजह है कि आज हम औरंगजेब को एक कट्टर शासक के रूप में जानते हैं.
कहा जाता है कि औरंगजेब ने अपने शासनकाल में कई मंदिर को तुड़वाया, जिसमें बनारस का विश्वनाथ मंदिर, मथुरा का केशव राम मंदिर सहित कई मंदिर शामिल थे। इतिहास के पन्नों में अगर देखा जाए तो इस बात का भी जिक्र किया गया है कि औरंगजेब ने अपने शासन में जितने मंदिर बनवाए हैं उससे कई ज्यादा मंदिरों का निर्माण कराया था. औरंगजेब के शासनकाल में सबसे ज्यादा वही पर मंदिर तोड़े गए जहां पर विद्रोहियों को शरण मिलती थी.
औरंगजेब ने अपने शासनकाल में हिंदुओं पर बहुत जुल्म किया था. हिंदुओं को अपनी मर्जी के अनुसार त्योहार मनाने नहीं दिया जाता था और हिंदुओं से अपना धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया जाता था. इतना ही नहीं औरंगजेब ने गैर मुस्लिम लोगों पर जजिया कर लगा दिया. यह ऐसा कर था जो धर्म के आधार पर हिंदुओं से वसूला जाता था.