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सचिन कैसे बने क्रिकेट के भगवान, उनके करियर से जुड़ी रोचक बातें.
भले ही आज सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, पर आज भी उन्होंने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए हैं, जिस तक पहुंचना किसी भी क्रिकेटर के लिए आसान नहीं है. क्रिकेट की दुनिया में कदम रखते ही उन्होने कई ऐसे रिकॉर्ड दर्ज किए हैं जिस ने सचिन तेंदुलकर को मास्टर ब्लास्टर और क्रिकेट का भगवान बना दिया, पर यह शायद आप नहीं जानते होंगे कि सबसे पहले उन्हें क्रिकेट के भगवान की उपाधि किसने दी थी.
यह साल 1998 की बात है जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मैच में सचिन तेंदुलकर ने शानदार प्रदर्शन किया था और एक नहीं बल्कि दो-दो शतक जड़ दिए थे. यह वो क्षण था जब ऑस्ट्रेलिया जैसे देश के खिलाड़ी मैथ्यू हेडेन ने सचिन तेंदुलकर को भगवान की उपाधि दे दी और कहा कि मैंने भगवान को देखा है जो भारत के लिए नंबर चार पर बैटिंग करता है.
यहीं से धीरे-धीरे फिर उन्हें दुनिया में क्रिकेट का भगवान कहा जाने लगा.
24 अप्रैल 1973 को मुंबई के एक ब्राह्मण परिवार में सचिन तेंदुलकर का जन्म हुआ था, जिनका पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर है. कहा जाता है कि सचिन के पिता ने मशहूर संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर अपने बेटे का नाम सचिन रखा था, पर किसे पता था कि यह नाम एक दिन पूरी दुनिया में इतना मशहूर हो जाएगा.
16 साल की उम्र से ही सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया. सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट जीवन में 15 नवंबर का दिन बेहद ही खास माना जाता है, क्योंकि इसी दिन उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत पाकिस्तान के साथ मैच खेल कर की थी और इसी 15 नवंबर 2013 को तेंदुलकर ने अपना आखिरी मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था. सबसे खास बात तो यह है कि दोनों ही मैच में सचिन तेंदुलकर को दूसरी पारी खेलने का मौका नहीं मिला था.
अपने क्रिकेट करियर में सचिन तेंदुलकर ने 200 टेस्ट मैच, 463 वनडे मैच और 100 इंटरनेशनल शतक एवं 164 इंटरनेशनल अर्धशतक लगाए हैं. सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट जीवन में कई ऐसे रत्न हासिल किए हैं जो पूरी टीम इंडिया के पास भी नहीं होगी और यही वजह है कि आज हम सचिन तेंदुलकर की तुलना किसी से भी नहीं कर सकते हैं.