किस्सा- कहानी
भारत- पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध की रोचक बातें –
26 जुलाई 1999 का वह दिन जब भारत की उस जीत का जश्न मनाया गया था, जो आज कोई भी नहीं भुल सकता है. यह वही दिन था जब भारत ने पाकिस्तानियों पर जीत हासिल की थी. लगभग 60 दिनों तक यह युद्ध चला था जिसकी शुरुआत 3 मई 1999 को हो गई थी. बताया जाता है कि कारगिल युद्ध जो आजादी के बाद लड़ा गया था उस समय हमने अपने 527 से भी ज्यादा बहादुर सैनिक खो दिए थे, लेकिन इसके बदले में
भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान को भी खूब क्षति पहुंचाई थी, पर यह भारतीय सैनिकों की शान थी जिनके सामने पाकिस्तानी सेना के 93000 सैनिकों ने सफेद रंग का झंडा दिखाकर आत्मसमर्पण कर दिया था. यह युद्ध इसलिए भी इतना ज्यादा अहम हो जाता है क्योंकि यहीं से भारत की जीत के बाद बांग्लादेश का जन्म हुआ था.
आपको बता दे कि जब हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध लड़ा जा रहा था, तब उस वक्त अटल बिहारी वाजपेई हमारे देश के प्रधानमंत्री थे. एक तरफ हमारे सैनिकों ने पाकिस्तानियों को धूल चटाया तो वही उस वक्त प्रधानमंत्री रहे बाजपेई ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जमकर खरी-खोटी सुनाई और लतारा.
इसके पीछे की वजह थी कि काफी समय से कारगिल की पहाड़ियों में पाकिस्तानियों ने घुसपैठ करके कब्जा जमा लिया था, जिसके लिए हमारे भारतीय सैनिकों ने ऑपरेशन चलाया था. इस ऑपरेशन की शुरुआत 8 मई को हुई थी और यह 26 जुलाई को भारतीय सैनिकों की जीत के साथ खत्म हुआ था.
जब भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध हो रहा था तब हमारे सैनिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था, क्योंकि एक तरफ पाकिस्तानी सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर जाकर बैठे थे तो दूसरी ओर हमारे सैनिक को गहरी खाई में रहकर पाकिस्तानी सैनिकों का मुकाबला करना था.
कहा जाता है कि इस कारगिल युद्ध में भारतीय वायु सेना की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही. इस युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना ने 32000 फीट की ऊंचाई से एयर पावर का इस्तेमाल किया था और जहां- जहां पाकिस्तान ने कब्जा जमाया था वहां पर भारतीय सैनिकों ने बम और मिसाइलों से हमला करके उन्हें परास्त किया.