फोकट का ज्ञान
1 अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाने के पीछे क्या है कारण –
1 अप्रैल को हम सभी अप्रैल फूल यानी कि मूर्ख दिवस के रूप में मनाते हैं, जिसका संबंध कई दशक पुराना माना जाता है. साल 1381 में इंग्लैंड के एक राजा ने वोहिमिया की रानी के साथ अपनी सगाई 32 मार्च को ऐलान की थी, जिसमें लोगों ने काफी सारी तैयारियां कर ली थी और खुशी के साथ उत्साह का माहौल हर जगह था, पर बाद में उन्हें जब यह पता चला कि ऐसी कोई बात नहीं है वह राजा द्वारा मूर्ख बनाए गए हैं तो यहीं से इस दिन की शुरुआत हुई और आज भी जब हमारे मन में एक अप्रैल का ख्याल आता है तो हम किसी अपने खास करीबी को बेवकूफ बनाने की रणनीति पहले से बनाने लगते हैं.
हालांकि यह भी बात है कि 32 मार्च जैसी कोई तारीफ नहीं होती है इसलिए 31 मार्च महीने के खत्म होने के बाद 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता है.
इसके बाद से 19वीं सदी से भारत में 1 अप्रैल के दिन को अप्रैल फूल के रूप में मनाया जाने लगा और अभी तक मनाया जा रहा है और लोग इस दिन अपने करीबी, दोस्त साथियों को मूर्ख बनाते हैं और कई तरह शरारत भी करते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि केवल हमारे भारत में ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी यह दिन एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है.बस इस दिन किसी प्रकार की कोई सार्वजनिक छुट्टी नहीं होती है.
1 अप्रैल का दिन बच्चों से लेकर युवाओं तक खूब अच्छे से मनाया जाता है. सबसे खास बात तो यह है कि इस दिन मजाक के बारे में हर कोई पहले से तैयार रहता है इसलिए कोई किसी तरह की बातों को बुरा नहीं मानता है.
हालांकि इस दिन के विषय में एक और बात यह भी कही जाती है कि फ्रेंच कैलेंडर में बदलाव होने के चलते अप्रैल फूल डे मनाया जाता है. आज जब भी 1 अप्रैल का दिन आता है तो हम अपने करीबियों से मजाक करने या उन्हें बेवकूफ बनाने का एक भी मौका नहीं छोड़ते हैं और आजकल तो सोशल मीडिया के इस जमाने के आने के बाद यह दिन पर दिन और भी ज्यादा लोकप्रिय होते जा रहा है.