किस्सा- कहानी
स्टालिन कौन था, उनके विचार और विरोध के बारे में जाने खास बात
दुनिया के इतिहास में सबसे क्रूर तानाशाह में से एक कहलाने वाले स्टालिन के विरासत में लाखों रूसी लोगों की मृत्यु शामिल है. आज हम आपको बताएंगे कि स्टालिन कौन था और उनके विचार क्या थे.
18 दिसंबर 1879 को जॉर्जिया में स्टालिन का जन्म हुआ था. जोसेफ स्टालिन सोवियत संघ के पार्टी का जनरल सिक्योरिटी था जिसकी वजह से वह सोवियत संघ का प्रशासक बना. जब साल 1917 में रूसी क्रांति हुई तो स्टालिन भी बोल्शेविक दल में शामिल था और साल 1922 से लेकर 1952 तक वह इस पद पर रहा जब लेनिन की मौत हुई थी उसके बाद उसे सर्वसम्मति से यह पद हासिल हुआ लेकिन उसके बाद उन्हें कई विद्रोहियों का भी सामना करना पड़ा, जिसका दमन उन्होंने क्रूरता से किया जिसके बाद एक तानाशाह की छवि लोगों के बीच बन गई.
स्टालिन का जो शासन था उसे आतंक का शासन भी कहा जाता है. जब वह 19 वर्ष के थे तो वह मार्क्स के सिद्धांतों पर आधारित एक गुप्त संस्था के सदस्य बने जहां साल 1930 से 1913 के बीच उन्हें छह बार साइबेरिया भेजा गया. जब साल 1917 के मार्च में सभी क्रांतिकारियों को मुक्त कर दिया गया तो स्टालिन ने जर्मन सेनाओं को हरा कर दो बार खारकोव को स्वतंत्र किया और उन्हें लेनिनग्रेड् से खदेड़ दिया.
साल 1928 में स्टालिन ने प्रथम पंचवर्षीय योजना की घोषणा की जिसके तीन मुख्य उद्देश्य थे सामूहिक कृषि, भारी उद्योग की स्थापना और नए श्रमिक समाज का निर्माण जिसमें खेतों में उत्पन्न अन्न को एक निश्चित दर पर सरकार खरीदती थी और ट्रैक्टर किराए पर देती थी. स्टालिन एक साम्यवादी नेता ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय तानाशाह भी थे. 1936 में 13 रूसी नेताओं पर स्टालिन को मारने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया गया और उन्हें प्राण दंड दिया गया. 1937 तक कला और साहित्य से लेकर हर क्षेत्र में स्टालिन का पूरा नियंत्रण हो गया था.
रूसी प्रगति के लिए स्टालिन ने पंचवर्षीय योजना का निर्माण, कृषि क्षेत्र में सुधार ,शिक्षा के क्षेत्र में कार्य, 1936 का नया संविधान पारित किया था और कहा जाता है कि यदि स्टालिन के द्वारा यह सब नहीं किया जाता तो विश्व की एकमात्र मजदूरों की सरकार नाजियो के हाथ नष्ट हो जाती.
साल 1953 को युसूफ स्टालिन की मृत्यु हो गई और इनकी मृत्यु के समय रूस एक वैश्विक महाशक्ति था.