Connect with us

सावन महीने में भगवान शिव की पूजा का है विशेष महत्व जानिए पूजा की विधि।

धर्म- कर्म

सावन महीने में भगवान शिव की पूजा का है विशेष महत्व जानिए पूजा की विधि।

सावन महीने की शुरुआत होते ही लोग शिवजी की आराधना में डूब जाते हैं. कोई सोमवार का व्रत रखता है तो कोई कांधे पे कांवर उठा कर शिव जी के धाम पहुंच जाता है. इस महीने में भक्त शिवजी को प्रसन्न करने के लिए पूरे मन और भक्ति के साथ उनकी पूजा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि सावन महीने में हर सोमवार को व्रत रखने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. भगवान शिव को सावन का महीना सबसे ज्यादा प्रिय है. जो मनुष्य बेलपत्र से शिवपूजन करता है उसकी गरीबी दूर हो जाती है. शिव लिंग की पूजा करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है. भविष्य पुराण के अनुसार जो मनुष्य एक बार ही धतूरे के फल से शिवलिंग की पूजा करता है वह गोदान का फल प्राप्त कर शिवलोक में जाते हैं. सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है ऐसे में हम आपको बताएंगे कि किस तरह भगवान शिवजी की पूरे विधि-विधान से पूजा करके उन्हें खुश कर सकते हैं.

सावन महीने में शिव जी की पूजा क्यों विशेष मानी जाती है
महाशक्ति ने दक्ष प्रजापति के यज्ञ में अपना शरीर होम करने के बाद जब उन्होंने हिमालय की पुत्री पार्वती के रूप में जन्म लिया, तब उन्होंने सावन महीने में भगवान शिव की पूजा उपासना की थी. इसी कारण उन्होंने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त किया. यही वजह है कि सावन का महीना भगवान शिव के लिए और उनके भक्तों के लिए काफी विशेष माना जाता है. सावन महीने के प्रथम सोमवार से सोलह सोमवार तक व्रत करने पर सारी मनोकामनाएं की पूर्ति होती है.
इसके अलावा सावन मास के लिए यह भी कहा जाता है कि भगवान शिव इसी महीने में धरती पर अवतरित होकर अपने ससुराल गए थे और वहां उनका स्वागत अर्ध्य देकर जलाभिषेक से किया गया था. प्रत्येक वर्ष सावन महीने में भगवान शिव अपने ससुराल जाते हैं. ऐसी मान्यता है और इसलिए भक्तगण इस महीने में उनकी भक्ति में लीन रहते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह कहा जाता है कि चंद्र देव ने सोमवार के दिन ही भगवान शिव की आराधना की थी जिससे उन्हें क्षय रोग से मुक्ति मिली और वे निरोगी हो गए. इसलिए इस दिन भगवान शिव की पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है.

सावन महीने में प्रत्येक सोमवार को कैसे करें भगवान शिव की पूजा
* सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा पूरे विधि विधान से करने पर ही फल मिलता है. भक्तों को सदैव उत्तर की ओर मुंह करके शिव की पूजा करनी चाहिए ।

* सुबह जितनी जल्दी हो सके उठ जाएं और नहाकर साफ वस्त्र धारण करें. सबसे पहले घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें और सभी देवी देवताओं का गंगाजल से अभिषेक करें.

* शिवलिंग में गंगाजल और दूध चढ़ाएं फिर भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें.

सावन महीने में भगवान शिव पर जल चढ़ाने का है खास महत्व।

आगे पढ़ें
You may also like...

journalist

More in धर्म- कर्म

To Top