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अमिताभ बच्चन के एंग्री यंग मैन से महानायक बनने की कहानी.

सिनेमाबाजी

अमिताभ बच्चन के एंग्री यंग मैन से महानायक बनने की कहानी.

अमिताभ बच्चन को आज कौन नहीं जानता है. इस उम्र में भी पूरे बॉलीवुड पर राज करने वाले अमिताभ बच्चन के लिए यह सफर जितना कठिन था इतने में तो कोई हार मान जाता, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने ना को हा में बदल कर ही दम लिया और वह कर दिखाया जहां तक पहुंचने का ख्वाब शायद उन्होंने खुद भी ना देखा हो. आज उनकी संघर्षों ने ही उन्हें महानायक बना दिया है. अर्श से फर्श तक पहुंचने वाले अमिताभ बच्चन को आज भी कोई युवा कलाकार टक्कर नहीं दे सकता है. आज हम आपको अमिताभ बच्चन के जीवन से जुड़ी कई ऐसी बातें बताएंगे जिससे ये पता लगेगा कि आज पूरी दुनिया में जो महानायक नाम से विख्यात है उसके लिए यह सफर कितना मुश्किल था और कैसे उन्होंने अपनी तकदीर अपने हाथों से लिखी. लगातार एक के बाद एक फिल्में फ्लॉप होने के कारण लगभग उन्हें मौका मिलना बंद हो गया था. तभी उनकी एक फिल्म आई जिसके बाद उनकी किस्मत बदल गई और वह बॉलीवुड के एंग्री यंग मैन बन गए. इसके बाद उन्होंने कभी अपने जीवन में पीछे मुड़कर नहीं देखा. जब फिल्मों में अमिताभ बच्चन का दौर शुरू हुआ तो उसमें लोगों को ड्रामा, एक्शन, कॉमेडी और रोमांस सब कुछ दिखने लगा. अमर अकबर एंथोनी से लेकर नमक हलाल में उन्होंने जो भूमिका निभाई इस कैरेक्टर ने उन्हें सदी का महानायक बना दिया जिसके लिए वह आज भी पहचाने जाते है.

जीवन परिचय: लोगो के प्यारे बिग बी,शहंशाह अमिताभ बच्चन का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में हुआ।उनकी पढ़ाई में काफी रुचि थी और बचपन से ही वह काफी होशियार थे. प्रारंभिक शिक्षा ज्ञान प्रबोधिनी बॉयज हाई स्कूल इलाहाबाद से उन्होंने ली. वही शेरवुड कॉलेज नैनीताल से उन्होंने हाई स्कूल तक शिक्षा प्राप्त की. इसके बाद की शिक्षा के लिए वह करोड़ीमल कॉलेज दिल्ली चले गए. उनके पिता हरिवंश राय बच्चन एक महान कवि थे. अमिताभ बच्चन ने दो बार एम.ए की उपाधि प्राप्त की है. 20 वर्ष के बाद अमिताभ बच्चन ने अभिनय में अपना करियर आजमाने के लिए कोलकाता की शिपिंग फर्म बर्ड एंड कंपनी में किराया ब्रोकर की नौकरी छोड़ दी. 10 जून 1973 को उन्होंने बंगाली संस्कार के अनुसार अभिनेत्री जया भादुरी से शादी कर लिया जिससे उन्हें दो बच्चे बेटी श्वेता नंदा और एक बेटा अभिषेक बच्चन है.

आज पूरी दुनिया में महानायक के तौर पर जाने वाले अमिताभ बच्चन की जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आया था, जब उनके पास खाने तक को पैसे नहीं थे और वह पूरी तरह कर्ज में डूब गए थे. केबीसीएल कंपनी के कारण अमिताभ बच्चन को काफी बुरे दौर से गुजरना पड़ा था. यह कंपनी फिल्म प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन और इवेंट मैनेजमेंट का काम करती थी, जितनी उम्मीदें अमिताभ बच्चन को इस कंपनी से थी, यह कुछ खास उम्मीदों पर नहीं उतर पाई थी. उनकी कंपनी लगभग 90 करोड़ के कर्ज में डूब गई थी. तब साल 2000 में उन्हें कौन बनेगा करोड़पति करने का मौका मिला था और अपने खराब हालत को ठीक करने ए लिए उन्होंने इस शो को करने के लिए हां कह दिया और जहां से उन्हें कभी पीछे मुड़कर दोबारा देखने की जरूरत नहीं पड़ी.

बॉलीवुड में एंट्री और शुरुआती दौर की फिल्में: उस दौड़ में बॉलीवुड में एंट्री करना अमिताभ बच्चन के लिए आसान नहीं था, क्योंकि उन्हें स्टार मटेरियल नहीं समझा जाता था. कोई भी अभिनेत्री उनके साथ काम करने को तैयार नहीं होती थी. इतना ही नहीं कई लोगों ने तो उन्हें यह कहा कि अपने पिता की तरह जाकर कविता लिखो. बैक टू बैक सुपरहिट फिल्में देने वाली अमिताभ बच्चन के शुरुआती दौर में ऐसा भी समय आया था कि उन्हें रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था और करीब 12 फिल्में फ्लॉप हुई थी. इसमें सात हिंदुस्तानी फिल्म का भी नाम शामिल था, जिससे उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी. यह उस दौर की बात है जब हिंदी फिल्मों में रोमांटिक फिल्मों का दौर था जिसके सबसे बड़े नायक राजेश खन्ना की चॉकलेटी अंदाज और नटखट अदाएं लोगों की सबसे पहली पसंद थी. ऐसे में अमिताभ बच्चन का आखिर यह इंतजार साल 1970 में खत्म हुआ. उस वक्त उनकी फिल्म जंजीर रिलीज हुई और अमिताभ बच्चन के रूप में भारतीय फिल्म जगत को एक नया सितारा मिल गया. जंजीर से शुरू हुआ उनका सफर कुली, लावारिस, कालिया, दीवार, काला पत्थर, रोटी कपड़ा और मकान, मुकद्दर का सिकंदर, सुहाग, खून पसीना, नमक हलाल, नमक हराम, खुदा गवाह, शक्ति, शराबी, मार्ग, मोहब्बतें, बागबान, चीनी कम, सरकार, सत्याग्रह, भूतनाथ, पा, शमिताभ और अग्निपथ लगातार जारी रहा. इन फिल्मों ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए थे.

अमिताभ बच्चन की जिंदगी से हमें क्या सबक लेना चाहिए: जिस तरह अमिताभ बच्चन ने अपने जीवन में लगातार संघर्ष करके यह मुकाम हासिल किया है यह हमेशा कई लोगों के लिए प्रेरणा है. हार कर जीतना यह कोई अमिताभ बच्चन से सीख सकता है. समय का पाबंद होना, अहंकारी बोली ना बोलना और अपनी मेहनत और लगन के प्रति जुनून रखना, पारिवारिक जिम्मेदारियां उठाना, संस्कृति का पालन करना यह सारी चीजें अमिताभ बच्चन से सीखी जा सकती है.

अमिताभ बच्चन ने अपने जीवन में सैकड़ों किरदार निभाए और उन्होंने सबके साथ इंसाफ किया.

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