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नीम करोली आश्रम:आस्था का उभरता आध्यात्मिक केंद्र

धर्म- कर्म

नीम करोली आश्रम:आस्था का उभरता आध्यात्मिक केंद्र

आस्था का एक ऐसा नाम जिसने आज तक कभी अपने भक्तों को खाली नहीं लौटाया. हम बात कर रहे हैं नीम करोली बाबा की जो अपने भक्तों के लिए भगवान से कम नहीं है. कहा जाता है कि नीम करोली के इस आश्रम में आज भी बाबा के कई चमत्कार का साक्ष्य उपस्थित है. यही वजह है कि भारत हमेशा से इन महापुरुषों की भूमि रहा है. इसी में नीम करोली बाबा का नाम आता है, जो कई तरह के चमत्कारों के लिए जाने जाते हैं. हर साल नीम करोली बाबा महाराज को समर्पित इस आश्रम में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है जिसमें भारतीय श्रद्धालु के साथ-साथ विदेशी श्रद्धालु की भी काफी संख्या नजर आती है. आज हम आपको इस लेख में बताएंगे कि किस तरह नीम करोली बाबा अपने चमत्कारों की वजह से पूरी दुनिया में पहचाने जाने लगे और दुनिया के महान से महान शख्सियत उनके सामने घुटने टेकने लगे.

नीम करोली बाबा का परिचय :
उत्तराखंड के नीम करोली बाबा जिनका जन्म 1900 के आसपास हुआ था. वे ऐसे शख्सियत थे,जिनके भक्त केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में फैले हुए हैं. नीम करोली बाबा इतनी सादगी में अपना जीवन व्यतीत करते थे कि उन्हें देखने के बाद कोई भी उनकी शक्ति का अंदाजा नहीं लगा सकता था.लोग उन्हें भगवान हनुमान का दूसरा अवतार बताते थे. 11 वर्ष की उम्र में उनका विवाह एक ब्राह्मण कन्या के साथ हुआ था. शादी के कुछ समय बाद उन्होंने अपना घर त्याग दिया था. हालांकि बाद में अपने पिता के आदेश पर वह गृहस्थ जीवन में वापस लौट आए थे.

कहा है नीम करोली आश्रम और उसका महत्व :
उत्तराखंड के कैची धाम जहां नीम करोली बाबा ने समाधि ली थी, वहां की यह मान्यता है कि अगर कोई भी भक्त सच्चे हृदय के साथ यहां पर मुराद मांगता है तो बाबा उसकी हर इच्छा को पूरी करते हैं. कुमाऊं की पहाड़ियों पर कैंची धाम आश्रम स्थित है.15 जून को कैंची धाम में विशेष भंडार और मेला लगता है. 15 जून 1964 को कैंची धाम में नीम करोली बाबा ने हनुमानजी की प्रतिमा की प्रतिष्ठा की थी. इस दिन यहां आना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. नीम करोली आश्रम तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग या रेल मार्ग दोनों का इस्तेमाल किया जा सकता है. सड़क मार्ग द्वारा कैंची धाम पहुंचने के लिए आपको नैनीताल से लगभग 17 किलोमीटर एवं भवाली से 9 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी. वही रेलवे मार्ग की बात करें तो काठगोदाम रेलवे स्टेशन की दूरी लगभग 43 किलोमीटर है.

अपनी खूबसूरती की छटा बिखेरता,पहाड़ों के बीच स्थित कैंची धाम आश्रम.

पिछले 2 वर्षों में नीम करोली आश्रम में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने की वजह :
भारत ही नहीं विश्व के कई नामचीन हस्ती जब यहां आए और यहां की सकारात्मक ऊर्जा को उन्होंने महसूस किया तो उन्होंने बड़े-बड़े प्लेटफार्म पर इसकी चर्चा की। और आज सोशल मीडिया युग में यह चीजें चारों तरफ फैल गई। लगातार नीम करोली बाबा और कैंची धाम का प्रचार होने से यहां श्रद्धालुओं की भीड़ दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. जब से विराट कोहली और कई बड़े अरबपति यहां पर आए हैं उसके बाद तो लोगों को बाबा के चमत्कार पर पूरी तरह भरोसा हो गया है. पहले जहां हर रोज कुछ दर्जनभर श्रद्धालु और पर्यटक आते थे अब हर रोज 10000 के पार लोग पहुंचते हैं.

कुछ नामचीन हस्ती जिन्होंने आश्रम का दर्शन किया :
नीम करोली बाबा के दर्शन करने वाले भक्तों में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स भी शामिल है जो वहां अर्जी लगा चुके हैं और उन्हें अपना गुरु मानते हैं. वही हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा और बेटी वामिका के साथ नीम करोली बाबा के आश्रम रहे थे.

कैंची धाम आश्रम का मुख्य द्वार.

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