भारत का एक ऐसा खिलाड़ी जिसने कई ऐसे खिलाड़ियों को तराशा है जो आज पूरी दुनिया में भारत का नाम रौशन कर रहे हैं. इसमें ऐसे-ऐसे खिलाड़ियों का नाम शामिल है जिनके अगर रिकॉर्ड देखें तो एक से बढ़कर एक है और ये भारत के लिए बड़े- बड़े कारनामे करने में कभी भी अपने पैर पीछे नहीं खीचें. टीम इंडिया के सफलतम कप्तानों में से एक गिने जाने वाले सौरव गांगुली जिन्हें प्रिंस ऑफ कोलकाता भी कहा जाता है. वह आज अपना 46 वां जन्मदिन मना रहे हैं. भारतीय क्रिकेट टीम को एक नई ऊंचाइयों पर ले जाने के अलावा सौरव गांगुली ने युवा खिलाड़ियों को हमेशा प्रेरित करने का काम किया है और उनकी मंशा यही रहती थी कि वह हमेशा युवा खिलाड़ियों को आगे लाएं. आज हम आपको भारत के एक दिग्गज खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे दुनिया प्यार से क्रिकेट का दादा मानती है.
सौरव गांगुली के क्रिकेट में पदार्पण की कहानी : 8 जुलाई 1972 को सौरव गांगुली का जन्म कोलकाता के एक संभ्रांत बंगाली परिवार में हुआ. स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के लिए सौरव गांगुली को कोलकाता के प्रसिद्ध सेंट जेवियर स्कूल में भेजा गया. स्कूली पढ़ाई के दौरान ही सौरव गांगुली पर क्रिकेटर बनने का भूत सवार था, जिस कारण वह सुबह शाम प्रैक्टिस करते रहते थे.वर्ष 1989 में बंगाल के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने का मौका मिला जिसमें अच्छे प्रदर्शन के बाद फिर रणजी ट्रॉफी, देवधर ट्रॉफी में बल्लेबाजी की और फिर 1992 के वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम इंडिया में उनका चयन हुआ. इस मैच में वह केवल 3 रन बनाए थे और अगले 4 सालों तक उन्हें टीम इंडिया में मौका नहीं मिला. फिर साल 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ उन्हें टेस्ट सीरीज में शामिल किया गया और यहां उन्होंने सेंचुरी लगा दी थी. सौरव गांगुली ने भारत के लिए 113 टेस्ट और 311 वनडे मैच में 18575 रन बनाए और उन्होंने कुल 195 मैचों में भारत की कप्तानी की जिसमें भारत को 97 मुकाबलों में जीत मिली.
अपनी कप्तानी में उन्होंने तराशे कई कोहिनूर खिलाड़ी: सौरव गांगुली के समय से ही टीम इंडिया में युवाओं को मौका देने पर जोर दिया जाने लगा था. उनकी टीम में वीरेंद्र सहवाग, मोहम्मद कैफ, जहीर खान, हरभजन सिंह, युवराज सिंह, राहुल द्रविड़, महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ी ने जमकर पूरी दुनिया में अपना परचम लहराया. इसमें अगर हम सबसे पहले धोनी की चर्चा करें तो उन्हें ऊपर खिलाने में गांगुली का सबसे बड़ा हाथ है. वहीं इसमें दूसरा नाम वीरेंद्र सहवाग का आता है जो कभी मिडल ऑर्डर या निचले क्रम में बल्लेबाजी किया करते थे, लेकिन 2002 में गांगुली ने अपनी कप्तानी में सहवाग को सलामी बल्लेबाज बना दिया और इसके बाद आज तक सहवाग जैसा कोई ओपनर खिलाड़ी नहीं आ पाया. अगला नंबर अनिल कुंबले का है जिनके चयन को लेकर टीम असमंजस में थी परंतु गांगुली ने उन पर विश्वास दिखाया और आज कुंबले भारत के तरफ से सबसे अधिक विकेट लेने वाले स्पिन गेंदबाज हैं. हरभजन सिंह का कैसे प्रयोग करना है, राहुल द्रविड़ को किस पोजीशन पर खिलाना है, युवराज सिंह के लिए कौन सा आर्डर सही रहेगा, दादा इन सब में काफी माहिर थे.
गांगुली के 4 ऐसे रिकॉर्ड जो आज तक किसी ने नहीं तोड़ा :
सौरव गांगुली ने सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रनों की साझेदारी करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है, जिन्होंने 176 वनडे में 8277 रनों की साझेदारी की है और आज तक इस रिकॉर्ड के आस-पास में कोई नहीं पहुंच पाया है.
25 साल पहले सौरव गांगुली ने टोरंटो में पाकिस्तान के खिलाफ एक शानदार कारनामा किया था. वह दुनिया के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने चार लगातार वनडे मैचों में प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब जीता है. इसी मैच में उन्होंने गेंदबाजी करते हुए 10 ओवर में केवल 16 रन देकर पांच विकेट हासिल किए थे.
सौरभ गांगुली ने चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में 117 रन बनाकर अनोखा रिकॉर्ड दर्ज किया था और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में तीन शतक जड़ने वाले वह दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं.
साल 1999 के वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खिलाफ सौरव गांगुली ने 183 रनों की शानदार पारी खेली थी जो आज तक किसी भारतीय द्वारा वर्ल्ड कप में खेली गई सबसे सर्वश्रेष्ठ पारी मानी जाती है.