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हीमोग्लोबिन की कमी से शरीर में जन्म लेती हैं कई सारी बीमारियां,आप भी जानें

फोकट का ज्ञान

हीमोग्लोबिन की कमी से शरीर में जन्म लेती हैं कई सारी बीमारियां,आप भी जानें

आज के समय में हीमोग्लोबिन शब्द से हर कोई वाकिफ होगा क्योंकि कहीं भी इलाज के लिए हम जाते हैं तो सबसे पहले वह हमें अपना हीमोग्लोबिन टेस्ट कराने के लिए कहते हैं. इसके पीछे वजह यह है कि इससे पता चलता है कि हमारे शरीर में खून की स्थिति क्या है जिस कारण रोग का पता लगाया जा सकता है. वैसे तो हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने के कारण कई सारी बीमारियां उत्पन्न हो जाती है, लेकिन उसमें सबसे प्रमुख एनीमिया है. हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण एनीमिया का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है, जो कई बार जानलेवा भी हो सकता है. हिमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक प्रकार का प्रोटीन है जिसमे कमी के कारण धीरे-धीरे हमारे शरीर में खून की मात्रा कम होने लगती है. आज हम आपको बताएंगे कि हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन कितना जरूरी है और किस प्रकार हम अपने शरीर में हिमोग्लोबिन की मात्रा को हमेशा बरकरार रख सकते हैं.

शरीर में हीमोग्लोबिन का महत्व
जब हमारे शरीर में धीरे-धीरे हिमोग्लोबिन की कमी होने लगती है तो शारीरिक गतिविधि में हमें थकान महसूस होता है. हिमोग्लोबिन का मुख्य काम हमारे शरीर के हर कोशिकाओं तक ऑक्सीजन को पहुंचाना होता है. ऑक्सीजन के साथ बॉन्ड बनाकर हीमोग्लोबिन उसे रिलीज करता रहता है. शरीर के किसी भी अंग में अगर ऑक्सीजन कम या ज्यादा हो जाए तो हीमोग्लोबिन बैलेंस करता है. महिलाओं के शरीर में जो आरबीसी होता है उसमें 11.6- 15.0 ग्राम प्रति डेसी लिटर हीमोग्लोबिन होना चाहिए. पुरुष के शरीर में यह 13.2- 16.6 ग्राम प्रति डेसी लिटर होना चाहिए. हमारे शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से काम करें, इसके लिए हिमोग्लोबिन बहुत जरूरी है. ऐसे में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल जैसे पोषक तत्व हमारे शरीर में मौजूद होने चाहिए.

महिलाओं में क्यों होती है हीमोग्लोबिन की कमी, क्या है समाधान
भारत में ज्यादातर महिलाओं में हीमोग्लोबिन सामान्य से कम पाया जाता है. इसका सबसे बड़ा कारण आयरन के स्तर में कमी होती है. गर्भवती के शरीर में खून की कमी होने पर उसे हमेशा कमजोरी, चक्कर और थकान महसूस होता है. एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि 45 की उम्र के बाद महिलाओं की हीमोग्लोबिन में समस्या आने लगती है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि घर, परिवार और ऑफिस की जिम्मेदारी संभालने वाली महिलाएं खुद का ध्यान नहीं रख पाती हैं. गर्भावस्था में खून की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टर जो आयरन की गोलियां लिखता है उसे खाने के साथ-साथ आप स्वस्थ आहार से भी इसकी कमी को पूरा कर सकते हैं. इसके अलावा अपने खाने में अनार और चुकंदर को शामिल करें जो खून बढ़ाने का सबसे बड़ा कारगार तरीका माना जाता है. इसके अलावा फोलिक एसिड के कुछ अच्छे खाद स्रोत जैसे अंकुरित अनाज, मूंगफली, केला, ब्रोकली का सेवन करें.

हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए उचित आहार और एक्सरसाइज
पत्तेदार सब्जी जो आयरन का सबसे बड़ा स्रोत होता है वह हीमोग्लोबिन का निर्माण करने के लिए सबसे फायदेमंद माना जाता है. इसके लिए अलावा आप चाहे तो रेड मीट, चिकन और अंडे का सेवन कर सकते हैं. साइट्रस फ्रूट के तौर पर आप स्ट्रॉबेरी, संतरा, हरी पत्तेदार सब्जियों को भी शामिल कर सकते हैं. सूखे मेवे के सेवन से भी हेमोग्लोबिन बढ़ता है, जिसके साथ आप खजूर, बादाम और किशमिश खा सकते हैं.
आप चाहे तो एक्सरसाइज के माध्यम से भी अपने शरीर में हीमोग्लोबिन की समस्या को दूर कर सकते हैं…
1. सर्वांगासन,2. शशांकासन,3. इसके अलावा आप रोजाना सूर्य नमस्कार के साथ अपने दिन की शुरुआत करें और फिर आधा घंटे अनुलोम विलोम और कपालभाति भी कर सकते हैं.

शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बनाए रखने के लिए संतुलित आहार लेना अति आवश्यक है.

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