फोकट का ज्ञान
वीगन डाइट प्लान:वजन कम करने का अचूक तरीका
अपना वजन कम करने के लिए लोग क्या नहीं करते. जिम में घंटों पसीने बहाते हैं, घंटों तक वॉक पर जाते हैं इसके बावजूद भी कई लोगों को वैसा रिजल्ट नहीं मिल पाता है जिसकी वह उम्मीद करते हैं. आप हर हाल में अब अपना वजन घटाना चाहते है तो यह संभव है, बस इसके लिए आपको थोड़ा सा बदलाव करना होगा और हम आज जिस डाइट चार्ट के बारे में बात करने जा रहे हैं उसे आपको हर हाल में फॉलो करना होगा. इस डाइट में एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाना शामिल होता है जोकि पुरानी से पुरानी बीमारी होने से रोकता है. पर इसके कुछ नुकसान भी हैं जिनपर हमें ध्यान देना होगा. आप इस डाइट को फॉलो करने के दौरान बाहर का खाना खाने से बिल्कुल परहेज करें. शरीर में प्रोटीन की कमी आपकी मौजूदा बीमारी को बढ़ा सकती है या बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती हैं. वही अगर आप जरूरत से ज्यादा कैलरी की कटौती कर देंगे तो फिर कैलोरी की कमी से वजन भी बढ़ सकता है.
क्या है वीगन डाइट और इसकी खासियत
जिन लोगों को हाई केलोस्ट्रोल या फिर हृदय संबंधी बीमारियां हैं वह वेगन डायट को फॉलो कर सकते हैं. इसके आहार में ताजे फल, सब्जियां, फलियां और फाइबर सबसे बड़ा अहम कड़ी होते हैं. इस डाइट के माध्यम से वेट लॉस करने से पहले आपकै कुछ जरूरी बातों की जानकारी रखनी होगी. आपको अपनी उम्र, हाइट, फिजिकल एक्टिविटी, लेवल, वजन और मेडिकल सिचुएशन सभी बातों का जरूर ध्यान देना होगा. जरूरी है कि रोजाना सही समय पर भोजन करें और शाम को अगर एक्सरसाइज करते हैं तो 45 मिनट के अंदर भोजन करें जिससे आपके मसल्स को मजबूती मिल सके. जिन लोगों को यह लगता है कि यह वेजिटेरियन डाइट है तो आपको यह समझना होगा कि यह उससे काफी अलग है. वेगन डाइट शाकाहारी भोजन से पूरी तरह अलग है क्योंकि इसमें कुछ मात्रा में साबुत अनाज, नट और बीज का सेवन भी शामिल है. वेजिटेरियन डाइट में डेयरी प्रोडक्ट और दूध का सेवन कर सकते हैं लेकिन वेगन डाइट में इसका सेवन नहीं किया जाता है. इस डाइट को फॉलो करते समय पहले से यह पता होता है कि क्या और कब खाना है.
वीगन डाइट का इतिहास
1806 में 41 वर्ष की आयु में डॉक्टर विलियम लांबे ने इस डाइट को अपनाया. उस समय सब्जी आहार का पालन करने वाले लोगों के लिए डेयरी उत्पादों का उपभोग करना आम बात थी, लेकिन डॉक्टर लांबे ने इन उत्पादों को भी अस्वीकार कर दिया. 19वीं और 20वीं सदी की शुरुआत में कई लोग शाकाहारी थे. उसके बाद साल 1944 में ब्रिटिश वुड वर्क डोनाल्ड वाटसन द्वारा इस दिनचर्या को अपनाया गया. शाकाहार की आधुनिक लहर 1951 में द वेगन सोसायटी के साथ एक आहार आधारित आंदोलन के रूप में शुरू हुई जो जल्द ही एक पशु अधिकार समूह में स्थानांतरित हो गई. उसमें यह बताया गया कि समाज का उद्देश्य मनुष्य द्वारा जानवरों के शोषण को समाप्त करना होगा जिस कारण लोगों ने धीरे-धीरे इस डाइट को फॉलो करना शुरू किया. सीधे से मीट,मांस और डेयरी उत्पादों को छोड़ना लंबे समय से पर्यावरणवाद से जुड़ा है. कई लेखकों ने इस बात का जिक्र भी किया है.