Connect with us

खुफिया एजेंसियों की यह बात अगर राजीव गांधी मान लेते तो बच जाती उनकी जान

किस्सा- कहानी

खुफिया एजेंसियों की यह बात अगर राजीव गांधी मान लेते तो बच जाती उनकी जान

मौत की एक ऐसी दास्तां जिसका अंदाजा पहले ही राजीव गांधी के सुरक्षा सलाहकारों को हो गया था. इसके बावजूद जनता के लिए प्यार ऐसा की उन्होंने किसी की एक न सुनी. 1986 में ही यह कहा जा चुका था कि प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर 1989 में कार्यकाल समाप्त होने से पहले कम से कम एक बार हमला होगा, जिसके सफल होने की आशंका है. निकट भविष्य में उनकी हत्या होने का खतरा है और इसके 5 साल बाद ही 21 मई 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में उनकी हत्या कर दी गई. खुफिया एजेंसी ने इंडिया आफ्टर राजीव नाम की एक रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें यह अनुमान लगाया गया था कि राजीव गांधी की हत्या हो जाएगी. राजीव गांधी ने कभी इन बातों पर गौर नहीं किया. आज हम राजीव गांधी की हत्या से जुड़ी कई और अहम पहलुओं पर चर्चा करेंगे।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का कारण और मुख्य साजिशकर्ता
दरअसल राजीव गांधी ने श्रीलंका में एलटीटीई के खिलाफ शांति सेना भेजी थी जिस कारण तमिल विद्रोही संगठन उनसे नाराज चल रहे थे और वह राजीव गांधी की हत्या की योजना बना रहे थे. दरअसल श्रीलंका के राष्ट्रपति जे आर जयवर्धने के साथ गृह युद्ध खत्म करने के लिए राजीव गांधी ने एक समझौता किया, पर यह दांव उल्टा पड़ गया. समझौते की शाम श्रीलंकाई नौसैनिक विजीथा रोहाना ने राजीव गांधी पर हमला कर दिया. उसकी बंदूक में गोली होती तो शायद राजीव गांधी उसी दिन नहीं बचते और यहीं से श्रीलंकाई तमिलों में राजीव गांधी के प्रति नफरत भर दी गई और इसी का नतीजा रहा कि 1990 में पूरी वापसी के बाद प्रभाकरण ने राजीव गांधी की हत्या का षड्यंत्र रचा. इस साजिश में शिवरासन, बेबी सुब्रमण्यम, मुथुराजा, मुरूगन शामिल थे. सिवराशन के कहने पर एक ऐसी बेल्ट डिजाइन की गई जिसमें 6 आरडीएक्स भरी ग्रेनेड जमाई जा सके. हर ग्रेड में 80 ग्राम सीफोर आडीएक्स भरा था. जब 1991 में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान में राजीव गांधी चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर पहुंचे तो लिट्टे ने उन्हें अपना निशाना बना लिया. जब वह लोगों से मुलाकात कर रहे थे उसी दौरान उन्हें फूलों का हार पहनाने के बहाने तेनमोजि राजरत्न नाम की लिट्टे की महिला आतंकी आगे आई. राजीव गांधी के पास आकर महिला ने उनके पांव छुए और इस दौरान उसने अपने कमर में बंधे बम में विस्फोट कर दिया. धमाका इतना दूर था कि राजीव गांधी के साथ-साथ हमलावर महिला और 16 लोगों की मौके पर मौत हो गई.

भारतीय खुफिया एजेंसी को पहले लगाई थी इसकी भनक
राजीव गांधी को सुरक्षा एजेंसियों ने आगाह किया था कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है उन पर कभी भी हमला हो सकता है. खुफिया एजेंसियों को फोन कॉल टैपिंग से यह टिप मिली थी की हांगकांग से कुछ लोग राजीव गांधी के हत्या के लिए असला बारूद मुहैया करा रहे हैं. उन्हें दक्षिण भारत का दौरा रद्द कर देना चाहिए। परंतु राजीव गांधी ने अपनी लोकप्रियता के आगे किसी की एक न सुनी और देश ने अपना होनहार पूर्व प्रधानमंत्री एवं युवा नेता खो दिया।

घटना से कुछ देर पहले लोगों का अभिवादन स्वीकार करते राजीव गांधी.

आगे पढ़ें
You may also like...

journalist

More in किस्सा- कहानी

To Top