सिनेमाबाजी
अभाव में उभरा सितारा, फिल्मों में इरफान खान के आने की कहानी
फिल्म इंडस्ट्री में तीन खान को तो सब जानते हैं पर इन तीनों खानों से काफी अलग एक इरफान खान भी थे जिन्होंने हर तरफ अपनी एक अलग पहचान बनाई थी. तुलना नहीं की जा सकती लेकिन गौर करने वाली कई ऐसी बात है जो इरफान खान को सभी कलाकारों से अलग बनाती थी. अपने आप को जमीन से जुड़ा हुआ कलाकार समझने वाले इरफान खान ने कभी अपने आप को स्टार नहीं माना. इंडस्ट्री के अंदर या बाहर उनकी यही सहजता, सरलता और सादगी ने उन्हें एक बेहतर इंसान बना दिया.
काफी साधारण कद काठी होने के बावजूद बॉलीवुड में कैसे बनाएं अलग पहचान
7 जनवरी 1966 को जयपुर में इरफान खान का जन्म हुआ था. इरफान खान के पिता ने टायर का कारोबार कर रखा था और उनकी मां गृहणी थी. इरफान खान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान से ही प्राप्त की. इसके बाद वह एक्टिंग सीखने के लिए ड्रामा स्कूल में स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने गए जहां पर उनकी स्कॉलरशिप को मान्यता दी गई. इसके बाद दिल्ली जाकर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया और यहीं से उन्होंने एक्टिंग की शिक्षा प्राप्त की.
इरफान खान ने अपने करियर की शुरुआत बहुत ही छोटे स्तर से की थी. साल 1988 में फिल्म ‘सलाम मुंबई’ से इरफान खान ने अपने करियर की शुरुआत की थी. इस फिल्म में उन्हें बहुत ही छोटा रोल मिला था पर बाद में किसी कारण उनकी उस रोल को हटा दिया गया था. इससे वह निराश हुए पर उनका हौसला नहीं टूटा. 2001 में आई फिल्म द वॉरियर में उन्हें काम करने का मौका मिला और इस फिल्म से उन्हें काफी पहचान मिली जिसके बाद साल 2004 में उन्हें हासिल फिल्म करने का मौका मिला जिसमें उन्होंने विलेन की भूमिका निभाई. साल 2005 उनके लिए काफी अच्छा रहा. इस साल रोग फिल्म में उन्हें लीड रोल में काम करने का मौका मिला. 2007 में ‘लाइफ इन मेट्रो’ से उन्हें अपार सफलता मिली और यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई जिसके बाद उन्होंने कभी जीवन में पीछे मुड़कर नहीं देखा और बॉलीवुड में एक अलग ही किरदार निभाने वाले कलाकार बने.
पत्नी सूतापा के साथ एक अनोखी लव स्टोरी
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में इस प्रेम कहानी की शुरुआत होती है. पहले दोनों के बीच दोस्ती हुई और फिर प्यार हुआ. इसके बाद दोनों ने अलग-अलग धर्म होने के बावजूद भी एक दूसरे के साथ जिंदगी बिताने की ठानी. दोनों एक दूसरे के साथ इतने कंफर्टेबल हो गए थे कि फिल्म से लेकर तमाम मसलों पर दोनों एक दूसरे से बातचीत करने लगे. दोनों काफी वक्त लिव इन में रहे पर अच्छी बात यह थी कि दोनों का फोकस अपने करियर पर था. इस बीच सुतापा प्रेगनेंट हो गई. ऐसे में इरफान ने सोचा कि एक कमरे का घर छोड़ कर दो कमरे का घर लेना होगा. दो कमरे की घर की तलाशी के लिए मुश्किल हो चली. लोग पूछते थे कि क्या आप शादीशुदा है… इन सवालों से परेशान होकर 23 फरवरी 1995 को दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली. सुतापा से शादी करने के लिए इरफान खान धर्म परिवर्तन के लिए तैयार थी लेकिन इसकी जरूरत नहीं पड़ी. साल 1995 में सूतापा सिकंदर जो कि एक हिंदू ब्राह्मण थी उन्होंने इरफान खान से शादी की और आज भले ही इरफान खान इस दुनिया में नहीं है पर उनकी यादें हमेशा के लिए जीवित है. दोनों का आज दो बेटे हैं जिनका नाम अयान खान और बाबील खान है. सुतापा एक भारतीय फिल्म निर्माता, संवाद लेखक और पटकथा लेखक भी है जो कई फिल्मों में हिस्सा भी रह चुकी है.29 अप्रैल 2020 को न्यूरोएंडोक्राइन टयूमर बीमारी की वजह से इरफान खान की मृत्यु हो गई और हमने एक बेहतर कलाकार खो दिया।