बचपन से ही छात्रों को आजकल एनसीसी के प्रति आकर्षित होता देखा जा रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि स्कूली स्तर से ही युवाओं को यह मौका दिया जा रहा है. युवाओं के अंदर अनुशासन, कामरेडशिप, साहस की भावना और स्वयं सेवा के आदर्शों को विकसित करने के उद्देश्य से भारत में एनसीसी की शुरुआत की गई, जिसके तहत युवाओं का एक ऐसा ग्रुप बनाया जा सके जो राष्ट्र की सेवा करने के लिए तत्पर रहे. पूर्ण रूप से देखा जाए तो यह एक प्रशिक्षित तथा अनुशासित संगठन है, जो संकट के समय पीड़ितों की मदद करने के लिए हमेशा आगे रहता है. एक समय था जब देश में सेना की कमी हो रही थी जिस कारण एनसीसी की उत्पत्ति हुई और आज भारत देश में 1500000 से भी ज्यादा एनसीसी कैंडिडेट है. यह संगठन पूरी तरह से राष्ट्र को समर्पित है जो अपने अनुशासन और देशभक्ति के लिए पूरे देश में पहचाना जाता है. एनसीसी से आपको देश के प्रति अनुशासित रहना और प्रेम करने की बातें सीखने को मिलती है.
एनसीसी का इतिहास 15 जुलाई 1948 को नेशनल कैडेट कोर एक्ट के तहत एनसीसी की शुरुआत हुई थी. विश्व युद्ध के दौरान 1942 में spring-core को अंग्रेजों द्वारा शुरू किया गया था. इसके तहत युवाओं को शांति काल के दौरान भी बेहतर तरीके से ट्रेनिंग कराने का लक्ष्य रखा गया था. इस संगठन में थलसेना, नौसेना और वायुसेना शामिल है. भारतीय रक्षा अधिनियम 1917 के तहत इसे लाया गया था. यूनिवर्सिटी कोर्स के तहत इसे स्थापित किया गया था. आगे चलकर 1942 में इसका नाम बदलकर यूनिवर्सिटी ऑफिसर ट्रेनिंग कोर्स कर दिया गया. कम छात्रों के इसमें भाग लेने के कारण और इसकी असफलता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने साल 1946 में पंडित हृदयनाथ कुंजरु की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कैडेट कोर समिति की स्थापना की. एनसीसी की ट्रेनिंग के दौरान लोगों को यह बताया जाता है कि अगर कोई सेना में भर्ती होना चाहता है तो वहां पर किस तरह के माहौल होते हैं और कैसे दुश्मनों का सामना किया जाता है. भारत में राष्ट्रीय कैडेट कोर के पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीर पाल सिंह इसके मुख्य है.
महत्वपूर्ण उदाहरण जब एनसीसी की मदद राष्ट्रीय स्तर पर ली गई 1. साल 1965 और 1971 में जब पाकिस्तान के साथ भारत की जंग हुई उस वक्त एनसीसी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. एनसीसी कैडेट को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में भेजा गया ताकि मोर्चे पर तैनात सैनिकों को हथियार और गोला-बारूद भेजने में मदद कर सके. इसके साथ ही दुश्मन को पकड़ने के लिए इन्हें पोलिंग पार्टी के तौर पर भी प्रयोग किया गया. इसके बाद से ही एनसीसी में शामिल कैंडिडेट को एक बेहतर ऑफिसर बनाने के गुण सिखाए जाने लगे.
2. एनसीसी रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आती है जिसका इस्तेमाल खासतौर पर सामाजिक कार्यों के लिए किया जाता है. जब देश के अलग-अलग हिस्सों में किसी तरह की प्राकृतिक आपदा या युद्ध की परिस्थिति होती है तब इनका इस्तेमाल किया जाता है.
3. कोराना महामारी में एनसीसी के कैंडिडेट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिन्होंने स्वच्छता अभियान, डिजिटल साक्षरता, पौधारोपण और टीकाकरण जैसे कार्यक्रमों को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाई और लोगों को सचेत रहने में काफी मदद किया.