एक ऐसी बीमारी जिसके बारे में पता चलना शायद मुश्किल है और जब तक पता चल पाता है तब तक काफी देर हो जाती है.यह एक दुर्लभ बीमारी होती है जो 40 लाख बच्चों में से किसी एक को होती है, पर जिसे होती है उसका शरीर पूरी तरह से बाकियो के मुकाबले अलग हो जाता है. इस बीमारी को लोग अमिताभ वाली बीमारी के नाम से भी जानते है क्योंकि उन्होंने एक फिल्म में इस बीमारी के मरीज का किरदार निभाया था. इस फिल्म के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि किस तरह उस मरीज का ख्याल रखा जाए और किस तरह उसके साथ पेश आया जाए. आज हम आपको प्रोजेरिया सिंड्रोम के बारे में पूरी बात बताएंगे कि किस तरह समय रहते इसके लक्षण जानकार इस पर नियंत्रण किया जा सकता है.
प्रोजेरिया बीमारी का परिचय लैमिन ए जीन में गड़बड़ी के कारण इस तरह की बीमारी उत्पन्न होती है, जहां पीड़ित व्यक्ति की 20 या 21 साल की उम्र तक आते-आते मृत्यु हो जाती हैं.इस बीमारी के संकेत पहले से नहीं मिलते हैं,अचानक से ही यह दिखना शुरू हो जाता है. आमतौर पर इसमें सिर के बाल झड़ने लगते हैं और कम उम्र में ही बुजुर्ग की तरह पूरे शरीर में ढीलापन आने लगता है. बच्चों की लंबाई में कमी और वजन अचानक घटने लगते हैं. शरीर धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है और शरीर का आकार बड़ा हो जाता है. इसके साथ ही ओंठ भी पतले होने लगते हैं। इसके अलावा इसके मरीज के नाक बहुत नुकीले हो जाते हैं और कान भी जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है. प्रोजेरिया जैसी बीमारी में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. अब तक दुनिया भर में 350 से 400 बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं.हालांकि अभी तक इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं है, लेकिन वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद कुछ तरीके इजाद किए हैं. कैंसर के इलाज में प्रयोग किए जाने वाला फार्निसिल्ट्रांसफरेस इन्हीबिटर नाम का केमिकल प्रोजेरिया के इलाज में मदद कर सकता है.
छत्तीसगढ़ के शैलेंद्र ध्रुव की कहानी प्रोजेरिया बीमारी से पीड़ित भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के गरियाबाद के शैलेंद्र इस बीमारी से जूझ रहे थे. 18 साल के शैलेंद्र ध्रुव की कहानी तो हर किसी को पता होगी जिसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अक्टूबर 2021 में 1 दिन के लिए कलेक्टर भी बनाया था. शैलेंद्र राज्य का पहला प्रोजेरिया पीड़ित मरीज था, जिसकी बीमारी का पता 4 साल पहले चला था.18 साल की उम्र में इस बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गई. बताया जाता है कि रात को अचानक 8:00 बजे उनकी तबीयत बिगड़ी और सीने में तेज दर्द की शिकायत के कारण उनकी मौत हो गई.
क्यों कहते हैं लोग इसे अमिताभ वाली बीमारी इस बीमारी को लोग अमिताभ बच्चन वाली बीमारी के नाम से भी पहचानते हैं. दरअसल अमिताभ बच्चन द्वारा ‘पा’ फिल्म की गई थी जिसमें वह छोटे बच्चे का किरदार निभा रहे हैं. इस फिल्म में उनका नाम ऑरो है. वह दिखने में बुरा लगता है. दरअसल इसके पीछे का कारण यह है कि उस बच्चे को प्रोजेरिया सिंड्रोम नाम की एक बीमारी है, जो 10 से 12 साल के बच्चे को होती है जो एक उम्रदराज की तरह नजर आने लगते हैं. इस फिल्म में यह दिखाया गया है कि किस तरह गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद भी वह छोटा सा बच्चा बहुत खुश रहता है और वहा अपनी जिंदगी को खत्म होने से पहले खुलकर जीता है.