Connect with us

3 वर्ष में एक बार आती है पद्मिनी एकादशी, भगवान श्री हरि को है अत्यंत प्रिय

धर्म- कर्म

3 वर्ष में एक बार आती है पद्मिनी एकादशी, भगवान श्री हरि को है अत्यंत प्रिय

इस वक्त हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का महीना चल रहा है जिसमें 29 जुलाई को पद्मिनी एकादशी का व्रत रखा जा रहा है. दरअसल यह व्रत मुख्य रूप से भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है जो कि 3 साल में एक बार आता है. पुराणों में कहा गया है कि इस व्रत से बढ़कर कोई यज्ञ या तप नहीं है. भगवान श्री हरि को यह काफी प्रिय है. इस व्रत को विधि पूर्वक पालन करने वाले विष्णु लोक में जाते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि एकादशी करने से मानव जीवन में किस तरह के बदलाव आते हैं और इसका महत्व क्या है.

एकादशी व्रत का महत्त्व
हर 15 दिन में एक बार एकादशी आती है जो भगवान विष्णु की आराधना को समर्पित होती है और इस दौरान हमारा शरीर एक विशेष चक्र से होकर गुजरता है. हर महीने में एकादशी दो बार आती है. एक शुक्ल पक्ष की और दूसरी कृष्ण पक्ष की. एकादशी का व्रत करने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह बताया जाता है कि इसे करने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और किसी के दिए हुए श्राप का भी निवारण होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की 11वीं तिथि को एकादशी कहा जाता है जिस दिन उपवास के नियमों का बड़े ही अनुशासन के साथ पालन किया जाता है और अगले दिन सूर्योदय के बाद ही उपवास को समापन करते हैं. इस व्रत में पारण का भी बड़ा महत्व है.

पद्मिनी एकादशी का परिचय एवं महत्व
हर 3 साल में एक बार पुरुषोत्तम मास(अधिक मास) में पद्मिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. यह पर्व अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाया जाता है, जिसे कमला एकादशी भी कहते हैं. जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ पद्मिनी एकादशी का व्रत करता है, भगवान विष्णु उससे प्रसन्न हो जाते हैं और उसकी सारी मनोकामना को पूरी करते हैं.
ऐसी मान्यता है कि पद्मिनी एकादशी के दिन यदि भगवान विष्णु की पूजा आराधना की जाए तो जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती है और आपके जीवन में सुख समृद्धि का वास होता है. इस व्रत की महिमा इतनी ज्यादा है कि एक व्यक्ति को भगवान हरि की कृपा से मृत्यु के बाद बैकुंठ धाम में स्थान मिलता है.

एकादशी करने के फायदे
1. एकादशी करने से मानव के जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे यज्ञ दान के समान फल की प्राप्ति होती है.
2. इस व्रत को करने से निसंतान दंपति को संतान सुख का लाभ मिलता है.
3. एकादशी व्रत करने से विवाह से जुड़ी बाधाएं समाप्त होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
4. इस व्रत को रखने से व्यक्ति तपस्वी, विद्वान, पुत्रवान और लक्ष्मीवान होता है तथा संसार के सभी सुखों को भोगता है.
5. एकादशी करने वाले व्यक्ति द्वारा किए गए सभी कामों में उन्हें सफलता मिलती है और सभी कष्टों का निवारण होता है.

एकादशी का फलाहार करते समय सात्विक भोजन ही ग्रहण करें.

आगे पढ़ें
You may also like...

journalist

More in धर्म- कर्म

To Top