फोकट का ज्ञान
युवाओं पर चढ़ा डाइटिंग का खुमार,कितना है फायदा कितना नुकसान
हर चीज फायदे के साथ-साथ हमें थोड़ा नुकसान भी देती है. डाइटिंग के साथ भी यही समस्या है. अगर हम सही तरह से डाइटिंग नहीं करते हैं तो हमारा वजन पूरी तरह से कम हो जाता है और हमें कमजोरी होने लगती हैं. इसके अलावा कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है पर थकान की समस्या भी जल्दी नजर आती है. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह आज के युवा डाइटिंग के प्रति आकर्षित हो रहे हैं और इसके पीछे की मानसिकता क्या है, जो लोगों को इस ओर खींच रही है.
वजन कम करने के लिए डाइटिंग का चलन
आज के समय में लोग हर तरह से मॉडर्न हो चुके हैं, जहां पूरी तरह फिट रहना लोगों के लिए काफी आवश्यक है. यही वजह है कि अब लोग डाइटिंग की ओर आकर्षित हो रहे हैं. इसके पीछे की मानसिकता यह है कि लोग अपने आप को दूसरों से बेहतर बनाना चाहते हैं. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास इतना वक्त नहीं है कि वह एक सही तरह से डाइट फॉलो करें और अपने आप को फिट रखें. यही वजह है कि ऐसे लोगों से खुद को अलग बनाने के लिए कुछ लोग अपने आपको सही डाइट फॉलो करके दूसरों से अलग रखना चाहते हैं. देखा जाए तो आज के समय में कॉलेज, स्कूल और यूनिवर्सिटी में फिटनेस का बड़ा चलन है. जब लोग आपकी फिटनेस की तारीफ करते हैं तो इसमें चार चांद लग जाते हैं. यही वजह है कि खासकर आजकल के युवा डाइटिंग की ओर तेजी से भाग रहे हैं, ताकि वह स्लिम और फिट रह सके और आने वाले कई सालों तक वह अपने आप को पूरी तरह मेंटेन कर सकें.
डाइटिंग से कितना फायदा कितना नुकसान है
डाइटिंग करने का मतलब है कि आप बाहर के खाने से पूरी तरह परहेज करें जिससे आपके शरीर में ज्यादा मात्रा में कैलोरी नहीं जाएगी. इससे आपके वजन में तेजी से गिरावट आएगा. इतना ही नहीं डाइटिंग करने से हमारे शरीर का कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल भी पूरी तरह मेंटेन रहता है. डाइटिंग की वजह से आज कलयुग गांव में गैस्टिक की समस्या आम हो गई गैस्टिक की समस्या बड़ी तेजी से हमारे पेट को नुकसान पहुंचाता है और हमारा पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है.कई मामलों में तो यह देखा गया है कि गंभीर रुप से डाइटिंग फॉलो करने वाले लोग कई मौके पर डिप्रेशन का भी शिकार हो जाते हैं.
ऐसे में जरूरी है कि आप एक सही डाइट फॉलो करें जहां आप इसके गंभीर नुकसान से बच सकें. दिन की शुरुआत सुबह के नाश्ते से होती है जिसमें आप हल्का सा कुछ खा सकते हैं. सुबह उठकर बादाम दूध खा सकते हैं और सुबह 9:00 बजे ब्रेकफास्ट के तौर पर आप चाहे तो अंकुरित अनाज या वेजिटेबल उपमा ले सकते हैं. इसके साथ यदि आप जूस लेते हैं तो यह काफी फायदेमंद होता है. दोपहर 12:00 बजे तक लंच के लिए आपके खाने में रोटी और दाल का होना आवश्यक है, क्योंकि इस वक्त आपके पेट भरने की आवश्यकता ज्यादा होती है. आप चाहे तो इस वक्त एक आधा कटोरी चावल, दाल, एक कटोरी हरी सब्जी और अलग से दही और सलाद भी शामिल कर सकते हैं जिससे आपके शरीर को पूरी तरह से पोषण मिलता है. शाम को आप स्नैक्स के रूप में बिस्किट या फिर सीजनल फल भी शामिल कर सकते हैं और डिनर में कभी भी चावल शामिल ना करें. इसके बजाय दाल, दो रोटी, एक कप दही और एक प्लेट सलाद ले. अगर सर्दियों का मौसम है तो आप दही को स्किप पर सकते हैं.