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प्रत्येक वर्ष खुद जम जाता है बर्फ का शिवलिंग, जानिए बाबा बर्फानी की महिमा

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प्रत्येक वर्ष खुद जम जाता है बर्फ का शिवलिंग, जानिए बाबा बर्फानी की महिमा

भगवान शिव का चाहे कोई भी दरबार हो वह श्रद्धालुओं के लिए काफी मायने रखता है और उसकी यात्रा करने का जितना महत्व है उतना ही पुण्य भी माना जाता है. हिमालय की पर्वत श्रेणियों में स्थित बाबा बर्फानी की महिमा भी उन्हीं में से एक है, जहां का शिवलिंग खुद से निर्मित होता है. कहा जाता है कि चंद्रमा के घटने- बढ़ने के साथ ही इस शिवलिंग का आकार भी बढ़ता- घटता रहता है. अमरनाथ की पवित्र गुफा में शिवलिंग के बनने की कहानी किसी चमत्कार से कम नहीं है जिसकी आज तक गुत्थी नहीं सुलझ पाई है. दरअसल शिवलिंग का निर्माण गुफा की छत से पानी की बूंदों के टपकने से होता है और यह बूंदे इतनी ठंडी होती है कि नीचे गिरते ही बर्फ का रूप लेकर जम जाती है.

अमरनाथ बाबा बर्फानी का परिचय
अमरनाथ की गुफा जम्मू और कश्मीर में 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. पर्वतों के बीच में 60 फीट लंबी 30 फीट चौड़ी और 15 फीट ऊंची यह गुफा प्राकृतिक है. हर साल भगवान शिव के भक्त इस यात्रा का बड़े ही बेसब्री से इंतजार करते हैं. बाबा बर्फानी की गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को उनके अमृत का रहस्य बताया था. इसलिए इसे अमरनाथ कहा जाता है. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालुओं शिव के इस स्वरूप का दर्शन कर लेता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. जुलाई महीने से बाबा बर्फानी अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होती है. यह दुनिया का एकमात्र शिवलिंग है जो चंद्रमा की रोशनी के आधार पर बढ़ता घटता है. हर साल यहां श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शिवलिंग पूरा होता है और उसके बाद आने वाली अमावस्या तक आकार में काफी घट जाता है.

अमरनाथ यात्रा का महत्व
अमरनाथ की यात्रा करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है जिसके लिए श्रद्धालुओं को मेडिकली फिट होना पड़ता है, पर यह भी कहा जाता है कि इस यात्रा से सारी की सारी थकान दूर हो जाती है. यह भी कहा जाता है कि जब इतनी कठिनाइयों के बाद भक्तों को बाबा बर्फानी के दर्शन होते हैं तो लोगों की आंखों में अपने आप ही आंसू आने लगते हैं. ऐसा लगता है कि उनका जीवन पूरी तरह सफल हो गया हो. आज तक ये कोई नहीं जान पाया कि आखिर ऐसा चमत्कार क्यों होता है. अमरनाथ जाने वाले भक्त शक्तिपीठ अवश्य जाते हैं। अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए मार्ग में कई स्थानों पर शुद्ध भोजन, रात्रि विश्राम की व्यवस्था भी की जाती है.

बाबा बर्फानी की पांच विशेषताएं
1. अमरनाथ की गुफा में भगवान गणेश और देवी पार्वती की उपस्थिति मानी जाती है. दरअसल भगवान शिव के लिंगम के बिल्कुल साथ ही देवी पार्वती और भगवान गणेश की संरचना बनती है.
2. यहीं पर भगवान शिव ने मां पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था.
3. यहां पर स्थित शेषनाग झील के निर्मल जल में स्नान करने से रास्ते के दौरान यात्रा वाली सारी थकावट दूर हो जाती है और यहां स्नान करने से गंगा स्नान के समान फल मिलता है.
4. सोलहवीं शताब्दी में सबसे पहले इस लिंग का पता एक मुसलमान गडरिया को चला था. आज भी चढ़ावे का चौथा हिस्सा उसके परिवार को जाता है.
5. अमरनाथ गुफा के अंदर ही शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही मनुष्य को 23 पवित्र तीर्थों के पुण्य के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है.

इसी पर्वत के विशाल गुफा में विराजमान है बाबा बर्फानी.

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