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करोड़ों की संपत्ति नहीं संभाल पाए अनिल अंबानी, मिली थी बराबर हिस्सेदारी

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कहा जाता है ना कि पैसे जितने तेजी से आते है उतनी ही तेजी से चले भी जाते हैं. ऐसा तब होता है जब या तो हमें उसकी कदर नहीं होती या हम उसका सही इस्तेमाल नहीं कर पाते है. अंबानी परिवार के एक बेटे के साथ ऐसा ही हुआ था जिन्होनें पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान जरूर बनाई पर उसे हमेशा कायम नहीं रख पाए और वह कब कहां से कहां पहुंचे उन्हें यह अंदाजा नहीं था और कभी बिलेनियर की सूची में शामिल होने वाले अनिल अंबानी को कर्ज लेने तक की नौबत आ गई थी. वहीं दूसरी ओर उनके भाई मुकेश अंबानी इस वक्त शानो शौकत की जिंदगी जी रहे हैं, जिनका बिजनेस इस वक्त दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ रहा है. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह बराबरी की हिस्सेदारी मिलने के बावजूद भी अनिल अंबानी अपने बिजनेस को नहीं संभाल पाए.

अनिल अंबानी का जीवन परिचय
4 जून 1959 को अनिल अंबानी का जन्म महाराष्ट्र में हुआ था, जो शुरू से ही पढ़ाई लिखाई में काफी अव्वल है. एमबीए की पढ़ाई उन्होंने अमेरिका से पूरी की थी जिसके बाद 1983 में को- चिफ ऑफिसर के तौर पर उन्होंने रिलायंस कंपनी में काम करना शुरू किया. उस वक्त उनकी उम्र मात्र 24 साल थी. 2002 में पिता धीरूभाई अंबानी की मृत्यु के बाद रिलायंस इंडस्ट्री का बंटवारा हुआ जिसके बाद अनिल अंबानी के हिस्से में टेलीकॉम, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, एंटरटेनमेंट और एनर्जी जैसे कारोबार शामिल हुए जो नए जमाने में सफलता की गारंटी माने जा रहे थे, जिनके पास उस वक्त सबसे बड़ा खिलाड़ी बनने का भी मौका था. दरअसल बंटवारे में मुकेश अंबानी को रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईपीसीएल चलाने को मिला वहीं अनिल अंबानी को रिलायंस इंफोकॉम रिलायंस एनर्जी और रिलायंस कैपिटल मिला. साल 2014 में अनिल अंबानी फोर्ब्स की दुनिया की करोड़पति की सूची में शामिल हुए थे जिस वक्त उनकी संपत्ति 5.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी. उन्होंने मनोरंजन के क्षेत्र में 44 एफएम रेडियो स्टेशन, राष्ट्रीय स्तर पर डीटीएच व्यवसाय, एनिमेशन स्टूडियो और बहुत सारे काम किए थे. बंटवारे के एक साल बाद अनिल की संपत्ति उनके बड़े भाई की संपत्ति की तुलना में 550 करोड रुपए अधिक थी जो एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति भी बने थे.

अनिल अंबानी का बिजनेस डूबने का मुख्य कारण क्या क्या है
बंटवारे के बाद अनिल अंबानी के पास अपने आपको और ऊंचा उठाने का मौका था, पर उन्होंने गलती कर दी. टेलीकॉम एनर्जी और फाइनेंस जैसे नए जमाने का उन्हें कारोबार दिया गया पर जल्दबाजी में उन्होंने बिना कोई प्लानिंग के अपने इस कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाया जो उन पर भारी पड़ गए. एक के बाद एक नए प्रोजेक्ट में रकम लगाने से उनके ऊपर कर्ज बढ़ता गया और इस तरह उनका बिजनेस डूबा इसका एक सबसे बड़ा कारण यह भी था कि वह किसी एक कारोबार पर पूरी तरह फोकस नहीं कर पाए. वह हमेशा एक से दूसरे बिजनेस में छलांग मारते रहे जिस कारण उन्हें उम्मीद के मुताबिक कई बिजनेस में रिटर्न नहीं मिल पाया. एक समय तो ऐसी परिस्थिति आई थी कि उन्हें अपने प्रोजेक्ट को कंप्लीट करने के लिए देनदारों से कर्ज लेना पड़ा और धीरे-धीरे यह बहुत बढ़ता ही गया. साल 2008 की ग्लोबल मंदी ने उन्हें दोबारा मार्केट में उठने का मौका नहीं दिया जिसके बाद उनका पतन हो गया.

अपने लग्जरियस लाइफ स्टाइल के लिए भी जाने जाते हैं अनिल अंबानी, उनके कंगाली में यह भी बनी बड़ी वजह.

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