सिनेमाबाजी
कुछ सुधारों के साथ रिलीज हो गया है ओएमजी 2 का ट्रेलर,सेंसर बोर्ड ने दिया है A सर्टिफिकेट
अक्षय कुमार की मोस्ट अवेटेड फिल्म ओएमजी 2 का ट्रेलर लॉन्च हो चुका है, जिसमें सेंसर बोर्ड द्वारा कई डायलॉग और दृश्य में बदलाव किए गए हैं. दरअसल इससे पहले टीजर में कुछ ऐसे दृश्य दिखाए गए थे जिसका क्रिटिक्स ने विरोध किया था. वहीं लोगों को कुछ डायलॉग भी आपत्तिजनक लगे थे. भगवान शिव का अभिषेक ट्रेन के पानी से करना, महादेव बने अक्षय कुमार के गंगा में थूकने पर हंगामा मचा था. इस कारण सभी दृश्य और कुछ डायलॉग में बदलाव किया गया है, जिसके बाद अब सेंसर बोर्ड ने फिल्म को A यानी कि एडल्ट ओनली सर्टिफिकेट दिया है. अब बिना किसी रूकावट के यह फिल्म सिनेमा घर में रिलीज होने को तैयार है.
ओएमजी की सफलता के बाद ओएमजी 2 बनाने के पीछे की वजह
2012 में अक्षय कुमार और परेश रावल की फिल्म ओएमजी रिलीज हुई थी जहां 11 साल बाद अब इसका सीक्वल लोगों के सामने रिलीज होने वाला है. आपको बता दें कि जब इससे पहले ओएमजी रिलीज हुई थी तो इसे दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया गया था. इसके गाने, इसकी कहानी और इसके कई डायलॉग लोगों के दिल तक छू गए और यह लोगों को इतना ज्यादा प्रभावित करने में सफल हुआ था कि फिल्म आने के सालों साल तक इसकी चर्चा हुई थी जिस कारण मेकर्स ने 11 साल बाद इसके सीक्वल पर काम करना शुरू किया. इससे पहले अक्षय कुमार श्री कृष्ण के किरदार में नजर आए थे जो बेहद ही कमाल के लगे थे और इस बार वह कलयुग में अपने भक्तों के बीच भगवान शिव का रोल कर रहे हैं.
दरअसल ओएमजी 2 की कहानी एक ऐसे लड़के है जो बुलिंग से परेशान होकर आत्महत्या कर लेता है और पंकज त्रिपाठी उस बच्चे को न्याय दिलाने की कोशिश करते हैं, ताकि बाकी बच्चे इन चीजों से कुछ सीखें. धार्मिक लोग इस बात का विरोध करते हैं और इसे भगवान की नियति के खिलाफ बताते हैं. इसके बाद भगवान शिव बने अक्षय कुमार पंकज त्रिपाठी की मदद करते हैं. अमित राय के निर्देशन में बनी यह फिल्म में यामी गौतम भी एक वकील के किरदार में नजर आने वाली हैं. मुख्य रूप से देखा जाए तो इस फिल्म में एक पिता अपने बेटे की शिक्षा के अधिकार को सुरक्षित करने के लिए संघर्ष करता है जिसमें अक्षय कुमार उनकी मदद करते हैं.
ओ माय गॉड की कुछ खास बातें जो दर्शकों को लुभा गईं
1. ओएमजी एक अंधविश्वास को दूर करने की कहानी है, जिसे देखने के बाद धर्म और धर्म के ठेकेदारों के प्रति लोगों की सोच बदल गई थी.
2. इस फिल्म की संरचना पूरी तरह से नास्तिक और भगवान के बीच की है, जिसके बीच कई चक्र देखने को मिलते हैं जो लोगों को खूब पसंद आए.
3. यह फिल्म ईश्वर से प्रेम और ईश्वर से भय के बीच के फर्क को बताता है. ईश्वर से प्रेम का अर्थ है शांति और ईश्वर से डरने वाला व्यक्ति या तो बहुत चतुर होगा या बहुत अधिक क्रोधित होगा.