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राजस्थान के मंदिर में बिना छत के 500 वर्षों से विराजमान है बजरंगबली, दर्शन का है विशेष महत्व

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इस दुनिया के हर कोने में कई ऐसे ऐतिहासिक मंदिर बसे हुए हैं जो अपने अद्भुत कारणों की वजह से लोकप्रिय है. उन्हीं में से एक राजस्थान का यह मंदिर है, जहां पर हनुमान जी के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं. सबसे खास बात तो यह है कि यहां पर जो हनुमान जी की मूर्ति है, वो 500 साल पहले खुद प्रकट हुई थी. इसी वजह से इसे हनुमान जी का चमत्कारी मंदिर कहा जाता है, जहां पर भक्तों की हर मुराद पूरी होती है. इस मंदिर में 13 अखंड ज्योत जलती है और कहा जाता है कि यहां पर पूजा करने वाले निसंतान भक्तो को संतान की प्राप्ति होती है. जिस भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती है वह अपनी अखंड ज्योत इस मंदिर में जलाते हैं. आज हम आपको हनुमान जी के मंदिर से जुड़ी कई रोचक बातें बताएंगे, जहां पूजा करने से आपके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.

राजस्थान के जालौर में कानीवाड़ा हनुमान मंदिर का परिचय
राजस्थान के जालौर के कानीवाडा़ में हनुमान जी का चमत्कारी और लोकप्रिय मंदिर स्थित है, जिसमें हनुमान जी पांव जोड़कर बैठे हैं. दरअसल यह मूर्ति सूर्यमुखी है. गर्भगृह में स्थित हनुमानजी की प्रतिमा पर लोग सिंदूर और तेल चढ़ाने आते हैं. आज से 500 साल पहले हनुमान जी की मूर्ति यहां खुद रहस्यमई तरीके से प्रकट हुई थी. रानीवाड़ा मंदिर संगमरमर के पत्थर से बना हुआ है और इस मंदिर के ऊपर आज तक छत नहीं है. कहा जाता है कि जब भी इस मंदिर के ऊपर छत डालने की कोशिश की गई तो वह टूट गई या आंधी तूफान में उड़ गई. इसलिए जब नए मंदिर का निर्माण हुआ तो इसमें छत नहीं डाली गई. सबसे रोचक बात यह है कि यहां मंदिर के निर्माण के समय जब दीवारों की ऊंचाई बढ़ाई गई तो अपने आप ही मूर्ति की ऊंचाई भी बढ़ने लगी.
कानीवाड़ा हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना कराने वाले पुजारी दलित है जो खुद अपने आप को गर्गाचार्य का संतान बताते हैं. दरअसल गर्गाचार्य जी यदुवंश के कुल गुरु थे, जो बड़े तपस्वी थे. वासुदेव जी की प्रेरणा से 1 दिन नंद बाबा गोकुल में आए और करीब 10 पीढ़ियों से यही पुजारी परिवार पूजा करवाते आ रहे हैं. इतना ही नहीं कानीवाड़ा गांव और आसपास के दूसरे गांव में भी बहुत से लड़कों का नाम यहां पर हनुमान जी के नाम पर रखा जाता है. यहां के अधिकांश लड़कों का नाम हनुमान है.

इस मंदिर की कुछ खास बातें
1. इस मंदिर में 13 अखंड ज्योत जलती है जहां लोग मनौती लेकर आते हैं और पूरी होने पर जोत जलाते हैं.

2. यहां पुजारी आने वाले भक्तों को हनुमान जी की गदा की प्रतिकृति से आशीर्वाद प्रदान करते हैं.

3. यहां के दीवारों पर बंदरों की मूर्तियां बनाई गई है. साथ ही साथ श्री राम मंदिर भी देखने के लिए यहां पर मिलता है.

4. हनुमान जी के ऊपर पिछले कई सालों से तेल और सिंदूर चढ़ाया जा रहा है पर उसे कभी साफ नहीं किया जाता और वह अपने आप ही अंदर चला जाता है.

5. मंदिर के प्रांगण में पुजारी गुलाब जी की एक तस्वीर लगी हुई है, जिसके बारे में यह कहा जाता है कि हनुमानजी इनके साथ आकर वार्तालाप करते थे.

कानीवाड़ा मंदिर में विराजमान बालाजी.

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