फोकट का ज्ञान

बुलंदियों पर अधिक दिन नहीं टिक पाया किंगफिशर का जहाज,मालिक की अय्याशी ने डूबा दिया सम्राज्य

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एक ऐसा शख्स जिसे ‘द किंग ऑफ गुड टाइम’ के नाम से भी जाना जाता था. उसने अपनी जिंदगी में कई बड़ी से बड़ी उपलब्धियां भी हासिल की पर इसे संभाल नहीं पाए और सीधे आसमान से जमीन पर आ गिरा.आज जिस विजय माल्या की छवि एक डिफॉल्टर के रूप में बन गई है, उन्हें व्यापार से ज्यादा अपनी लग्जरी लाइफ, दौलत शोहरत और अय्याशी के कारण लोग खूब जानते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह पूरी दुनिया पर राज करने वाले विजय माल्या एक समय में ऊंचाइयों पर थे, पर अचानक अपनी ही गलतियों के कारण उन्होंने सब कुछ गवां दिया.

विजय माल्या की किंगफिशर कंपनी का परिचय
आज हम जिस किंगफिशर कंपनी को जानते हैं उसकी शुरुआत 1915 में की गई थी जिस वक्त बैल गाड़ियों पर बड़े-बड़े गैलन लादकर लोगों के घर तक बीयर पहुंचाई जाती थी. जैसे- जैसे लोगों की जुबान पर बीयर का स्वाद चढ़ने लगा, वैसे ही इस कंपनी के अच्छे दिन शुरू हो गए. फिर 1970 के दशक में विजय माल्या के पिता विट्ठल माल्या ने इस कारोबार को सही से शुरू किया था. उस वक्त विजय माल्या की उम्र मात्र 28 साल थी और यह उन्हें विरासत के रूप में प्राप्त हुई, जिसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित मैनेजमेंट संस्थानों से लोगों को चुना और इस शराब उद्योग को एक कारपोरेट रूप दे दिया. इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग, उर्वरक, टेलीविजन और चार्टर विमान सेवा की कंपनियों में खूब पैसे लगाएं. जब उन्होंने किंगफिशर एयरलाइन की शुरुआत की तो उन्होंने कई ऐसी सुविधाएं दी जो कोई और एयरलाइंस देने के बारे में सोच भी नहीं सकता था. जब कंपनी को घाटा होने लगा तो धीरे-धीरे पायलट को निकाले जाने लगा और जबरदस्त घाटे के बाद 2014 आते-आते तक किंगफिशर को बंद कर दिया गया.

किंगफिशर कंपनी के डूबने के प्रमुख कारण
अपने पिता से विरासत से उन्हें कंपनी जरूर मिली थी पर उनके पास कंपनी को चलाने का शानदार अनुभव नहीं था. सही रणनीतियों का प्रयोग नहीं कर पाने के कारण 2012 में किंगफिशर को बंद करना पड़ा और फिर कुछ सालों बाद जब एयरलाइंस शुरू हुई तो उसके साथ भी इसी तरह की घटना हुई. 2007 में शराब कारोबारी विजय माल्या ने 1200 करोड़ रुपए में एयर डेक्कन का अधिग्रहण कर लिया था ताकि किंगफिशर को ग्राहक मिल सके और वह मुनाफा कमा सके लेकिन इसके उल्टा हुआ.
वहीं अगर किंगफिशर एयरलाइंस के डूबने के मुख्य कारण की बात करें तो आर्थिक मंदी और ईंधन की बढ़ती कीमतों ने कंपनी को पूरी तरह से नीचे लाकर खड़ा कर दिया, जिसके संचालन में दिक्कतें आने लगी और बढ़ती कंपटीशन और एयरलाइन की बढ़ी हुई लागत का बोझ कंपनी नहीं उठा पाई.

किंगफिशर के मालिक विजय माल्या अपने लग्जरी लाइफ के लिए जाने जाते हैं.

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