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डिजिटल पेमेंट की कंपनी नोट बंदी के वक्त बन गई डिजिटल वॉलेट, बढ़ गई है डेली लिमिट

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डिजिटल पेमेंट की कंपनी नोट बंदी के वक्त बन गई डिजिटल वॉलेट, बढ़ गई है डेली लिमिट

एक ऐसा वक्त था जब लोग हर छोटे से बड़े काम के लिए कैश का इस्तेमाल करते थे और एक आज का दौर है जब लोग बस अपने पास अगर फोन रखें तो लगता है कि वह सारी चीजें खरीद सकते हैं, क्योंकि आज हर फोन में पेटीएम ऐप देखने को मिल जाता है,जिसके तहत आप कहीं भी क्यूआर कोड स्कैन करके कोई भी चीज खरीद सकते हैं.पर सोचने वाली बात है कि आखिर इस तरह की शुरुआत करने का ख्याल दिमाग में आया कैसे. यह तब हुआ जब 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा कर दी गई थी. एटीएम और बैंक के बाहर पैसा निकालने वाले लोगों की लंबी- लंबी लाइन लगने लगी, इसके बाद पेटीएम ने लोगों को आकर्षित किया और यह प्रचलित हो गया. यही वजह है कि धीरे-धीरे आज यह शिर्ष पर पहुंच चुका है और लोगों के लिए यह इतनी सहूलियत हो चुकी है कि आज लोग ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करना काफी पसंद करते हैं.
पेटीएम एक ऑनलाइन पेमेंट और ई-कॉमर्स की सेवा देने वाली ब्रांड है जो मोबाइल ऐप के माध्यम से डिजिटल वॉलेट की सुविधा उपलब्ध कराती है. इसके तहत हम ऑनलाइन टिकट बुकिंग, ऑनलाइन मनी ट्रांसफर, बिल पेमेंट शॉपिंग और कई तरह के काम घर बैठे कर सकते हैं.

विजय शेखर शर्मा का परिचय
विजय शेखर शर्मा का जन्म 7 जून 1978 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था. विजय शेखर शर्मा अलीगढ़ के हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़े लिखे थे, जिन्होंने 14 साल की उम्र में ही 12वीं पास कर ली थी. स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद वह दिल्ली के इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने चले गए और यहीं से उनकी जिंदगी बदल गई. 1995 के दौरान भारत में इंटरनेट की सुविधा नहीं थी तो इंटरनेट बिजनेस की शुरुआत नहीं हो सकती थी. इसलिए उन्होंने एक अलग ही बिजनेस मॉडल तैयार किया और कुछ दोस्तों के साथ मिलकर एक सर्च इंजन बनाया जिसका नाम एसएस कम्युनिकेशन था. इसके बाद 197 कम्युनिकेशन की शुरुआत हुई जो इंटरनेट कंटेंट एसएमएस मॉडल पर आधारित था. धीरे-धीरे देखते ही देखते उनकी कंपनी चल पड़ी.  साल 2010 में स्मार्टफोन और इंटरनेट का दौर जब शुरू हुआ तो उन्होंने इस मौके का फायदा उठाया. उस वक्त किसी ने उन्हें कंज्यूमर बेस्ड ब्रांड लाने का आईडिया दिया और यही से पेटीएम की शुरुआत हुई. उस वक्त one97 कंपनी पूरी तरह पटरी पर आ चुकी थी और उन्होंने स्मार्टफोन की लोकप्रियता देखते हुए कैशलेस ट्रांजैक्शन के बारे में सोचा और फिर 2010 में पेटीएम की स्थापना की. 2014 में फिर इसके तहत उन्होंने ऑनलाइन वॉलेट की सुविधा भी प्रदान की. लगातार पेटीएम द्वारा मर्चेंट को सब्सक्रिप्शन, लोन पर ब्याज, इंश्योरेंस से कमीशन और कई और आगे बढ़ने लगी जिससे उनकी बंपर कमाई होती हैं.

पेटीएम की 5 खास बातें जो उसे अन्य डिजिटल पेमेंट एप्लीकेशन से अलग बनाती है
1. अब आप 1 दिन में पेटीएम यूपीआई के माध्यम से ₹100000 तक ट्रांसफर कर सकते हैं वहीं आप पहले प्रतिदिन ₹20000 तक हीं कर सकते थे ट्रांसफर.

2. पेटीएम की मदद से आप क्रेडिट कार्ड के जरिए घर का रेंट भी चुका सकते हैं जिसके लिए आपको कुछ अतिरिक्त फीस चुकानी होगी.

3. आप पेटीएम मनी ऐप के जरिए घर बैठे खुद से केवाईसी कर सकते हैं और डीमेट अकाउंट बिना किसी ब्रोकरेज के खुलवा सकते हैं.

4. पेटीएम अपने वॉलेट से संबंधित सेवाओं का उपयोग करने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेता, नाही इसे उपयोग करने के लिए कोई न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता है.

5. पेटीएम से आप कैश नहीं निकलवा सकते हैं लेकिन इसमें मौजूद कैश को सीधे बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं.

नोएडा स्थित पेटीएम के हेड ऑफिस की तस्वीर.

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