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अधिक मास की परमा एकादशी पर करें यह पांच उपाय, घर में कभी नहीं होगा दरिद्रता का वास

धर्म- कर्म

अधिक मास की परमा एकादशी पर करें यह पांच उपाय, घर में कभी नहीं होगा दरिद्रता का वास

हमारे हिंदू धर्म में करोड़ों देवी देवता हैं, जिनकी अलग-अलग तरह से अलग-अलग दिन पर पूजा की जाती है. हर महीने कुछ ऐसी तारीख होती है, जिस दिन विशेष रूप से इसका महत्व बढ़ जाता है. इस वक्त सावन का महीना चल रहा है. सावन के महीने में इस बार अधिक मास पड़ने के कारण कृष्ण पक्ष के 12 अगस्त को परमा एकादशी मनाई जाएगी. इस दिन पूरे विधि से पूजा करने से सभी काम आसन हो जाते है और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.जो भी व्यक्ति इस व्रत को करता है. वह 5 दिन तक स्वर्ण दान, भूमि दान, विद्या दान, गोदान या अन्न दान करता है, जिससे माता लक्ष्मी खुश होकर उन्हें धन प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह परमा एकादशी के दिन पूरे मुहूर्त से पूजा पाठ करें और यह भी जाने कि यह कितने वर्षों पर कब आता है.

परमा एकादशी का परिचय
परमा एकादशी का व्रत रखना बेहद ही सौभाग्य की बात कही जाती है, क्योंकि ये हर साल नहीं बल्कि पूरे 3 साल में एक बार आते हैं. शास्त्रों में बताया गया है कि इस तिथि का व्रत और कथा सुनने मात्र से 100 यज्ञ के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस बार सावन महीने में अधिक मास लगने के कारण आने वाली एकादशी के साथ अधिक मास की वजह से दो अन्य एकादशी भी हो जाएगी, जिससे सावन मास में इस बार 4 एकादशी का व्रत किया जाएगा. 11अगस्त शुक्रवार को सुबह 5:06 से तिथि शुरुआत होने जा रही है जो 12 अगस्त शनिवार को सुबह 6:31 पर समाप्त होगी, इस वजह से 12 अगस्त को एकादशी व्रत रखा जाएगा और अगले दिन 13 अगस्त को इसका पारण होगा.
परमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है. पूजा करने से पहले पूजा स्थल के पास कलश स्थापित करें और आम, अशोक के पत्तों को वहां पर रखें. इसके बाद पीले पुष्प, लड्डु, फल, तुलसी आदि चढ़ाकर धूप दीप व कपूर जलाकर भगवान विष्णु की आरती करें. इस दिन दान करना बेहद शुभ माना जाता है जिससे आपके सभी बिगड़े काम बन जाते हैं.

अगर आपने परमा एकादशी के दिन कर लिया यह पांच उपाय तो कभी नहीं होगी धन की कमी
1. परमा एकादशी के दिन विधि विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें और ब्रह्मचर्य का पालन करने से घर में कभी दरिद्रता नहीं आती है.
2. यह एकादशी परम दुर्लभ सिद्धियों की दाता है. इस व्रत में पांच रात्रि व्रत का विशेष महत्व है. पंचरात्रि तक का व्रत रखने से मरणो उपरांत आपके पूरे परिवार के लिए बैकुंठ का मार्ग खुल जाता है.
3. इस व्रत को करने से राजा हरिश्चंद्र को पुत्र, स्त्री और राज्य की प्राप्ति हुई थी. इस दिन पूरे विधि विधान से पूजा करने पर आपको भी मनवांछित फल प्राप्त होगा.
4. इस दिन भगवान विष्णु पर तुलसी पत्र चढ़ाएं, भगवान विष्णु आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे.
5. इस दिन भगवान विष्णु को पीला फूल, हल्दी, पीला चंदन, बेसन का लड्डू,पीला केला आदि अर्पित करने से प्रसन्न होकर भगवान आपको आशीर्वाद देते हैं जिस कारण आपको धन लाभ का योग बनता है.

एकादशी व्रत करने वाले भक्तों को व्रत के दिन फलाहार करना चाहिए.

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