किस्सा- कहानी

औरंगाबाद में स्थित इन गुफाओं को देखकर अंग्रेज भी रह गए थे दंग, समेटे है बौद्ध धर्म का इतिहास

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विश्व प्रसिद्ध आकर्षण का एक केंद्र माने जाने वाली, औरंगाबाद में एक ऐसी गुफा स्थित है, जिसे देखकर एक समय में अंग्रेज भी दंग रह गए थे. प्रकृति की सुंदरता से चारों तरफ घिरी हुई यह गुफा लोगों का पूरी तरह मन मोह लेती है. इस गुफा की विशालता और इसकी अद्भुत संरचना को इस बात से समझा जा सकता है कि एक वक्त में जब अंग्रेज बुद्ध की हजार छवियों को यहां पर देखकर दंग रह गए थे. इस गुफा में हर तरफ बौद्ध धर्म के इतिहास को समेटा गया है जो हमें सैकड़ो साल पीछे की कई कहानियों को दर्शाता है. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह इस गुफे का निर्माण किया गया और आखिर इसकी खासियत क्या है कि यूनेस्को के विश्व धरोहर में भी इसका नाम जोड़ा गया.

महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित अजंता गुफाओं का परिचय
महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले से करीब 105 किलोमीटर दूर उत्तर में सहयार्दी की पहाड़ियों में घोड़े की नाल के आकार में अजंता की गुफा बनी हुई है. इसमें 30 गुफाओं में पांच प्रार्थना भवन और 25 बौद्ध मठ है. दरअसल 1819 में इसकी खोज आर्मी के ऑफिसर जॉन स्मिथ और उनकी टीम ने की थी, जब वह शिकार के लिए जंगल पर गए थे. अजंता की गुफाएं 75 मीटर चट्टान की दीवार में उकेरी गई विभिन्न बौद्ध परंपराओं के प्राचीन मठों और पूजा कक्षों का निर्माण करती है. कहा जाता है कि वाकाटक राजाओं जिनमे हरी सेन प्रमुख था, उनके संरक्षण में अजंता की गुफाएं बौद्ध भिक्षुओं द्वारा उत्कीर्ण की गई थी, जिसकी दीवारों पर हाथ से बड़ी मेहनत से नक्काशी की गई है.
अजंता की गुफाओं को बौद्ध धर्म के लिए बेहद ही खास माना जाता है, क्योंकि बौद्ध धर्म द्वारा प्रेरित और उनकी करुणा में भावनाओं से भरी हुई शिल्प कला और चित्रकला यहां पर देखने को मिल सकती है. इसके अलावा बौद्ध संप्रदाय द्वारा बनाई गई यह गुफाएं सजावटी रूप से तराशी गई है, जो दैव्य ऊर्जा और शक्ति से भरपूर है. इसमें 200 ईसा पूर्व से लेकर 650 ईसा पूर्व तक के बौद्ध धर्म की चित्रकारी देखने को मिलती है. साल 1983 में यूनेस्को की विश्व धरोहर साइड में इसे घोषित किया गया, क्योंकि यह भौतिक रूप से बौद्ध धर्म के इतिहास से जुड़ा हुआ है, जो इसके उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य को व्यक्त करता है.

अजंता की गुफाओं की पांच प्रमुख बातें
1. अजंता गुफा के सामने वाघोरा नदी बहती है, जिसे देखने के लिए कई देशों से लोग यहां पर आते हैं.

2. यह गुफा अजंता नाम के एक गांव के पास स्थित है, जो कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में है. इसी वजह से इसका नाम अजंता गुफा पडा़.

3. यह गुफा 30 पत्थरों को काटकर बनाए गए गुफाओं का समूह है, जो बौद्धिक वास्तु कला मूर्तियां व गुफा चित्रों का बखूबी प्रतिनिधित्व करते हैं.

4. इस गुफा की मूर्तियों को बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित की गई है, जिसमें साधारण हथौड़े और छेनी का इस्तेमाल किया गया है.

5. अजंता की गुफा को प्राचीन भारतीय कला के खजाने के रूप में भी माना जाता है, जो पूरी दुनिया में अपने प्रभावशाली चित्रण के कारण प्रसिद्ध है.

अजंता की गुफाओं में भगवान बुद्ध का अलौकिक चित्रण.

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