ओ तेरी..
आपके बच्चों को कम उम्र में ही लग जायेगी ड्रग्स की आदत, स्कूल को निशाना बना रहे हैं ड्रग पेडलर
एक समय था जब बच्चे तो क्या बल्कि आधे से ज्यादा उम्र के लोग भी ड्रग्स और नशीली चीजों का सेवन करने से कतराते थे और आज का दौर है जहां छोटे-छोटे बच्चों में भी ड्रग्स की लत लग चुकी है. स्कूल के बाहर निकलकर शराब, सिगरेट, गांजा पीते हुए अक्सर बच्चों को देखा जाता है. ऐसे में वैसे बच्चे भी इसके चपेट में आ जाते हैं जो वैसे लोगों के साथ रहते हैं या उनके इर्द-गिर्द घूमते हैं. आज जिस तरह बड़े-बड़े स्कूल को ड्रग्स पेडलर निशाना बना रहे हैं, वह आने वाले समय में उनके और उनके माता-पिता लिए खतरा साबित हो सकता है.क्योंकि न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी बच्चे पूरी तरह इससे प्रताड़ित हो रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह एक अनोखी पहल के तहत आप अपने बच्चों को ड्रग्स के आदि होने से बचा सकते हैं और अगर बच्चे को इसकी लत है तो कैसे उसे इससे दूर रहने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.
जानिए ड्रग(नशीली दवाएं) किसे कहते है
ड्रग्स या फिर नशीली दवाई वैसी चीज होती हैं जिसका सेवन करने से हमारे शरीर और हमारे मनोदशा में काफी परिवर्तन आता है. आज के समय में लोग इसे खाकर, चूसकर, इंजेक्शन के रूप में या त्वचा पर लगाकर ग्रहण कर रहे हैं. आज के समय में ब्राउन शुगर, स्मैक, गांजा, अफीम, हीरोइन, कोकीन इत्यादि यह सारे नशीले पदार्थ है जिनके कब्जे में धीरे-धीरे युवा आते जा रहे हैं.
आपको बता दे कि अफीम को बनाने के लिए मॉर्फिन नाम की केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. इसका उपयोग अफीम को फाड़कर ब्राउन शुगर बनाने में किया जाता है जो सेहत के लिए बेहद ही खतरनाक है. वही अफीम में कुछ मात्रा में चूना मिलाकर गर्म किया जाता है जिससे यह फट जाती है और इसे उबलने पर गाढ़ा घोल तैयार किया जाता है. सूखने पर यह पाउडर स्मैक बन जाता है. यह नशा करने वाला दिमागी सुन्न पर और उच्च रक्तचाप की चपेट में आ जाता है, जो हमारे फेफड़ा, किडनी और लीवर को प्रभावित करता है. इसे बच्चों तक पहुंचाने के लिए स्कूल और कॉलेज के छात्रों को पहले मुफ्त में नशा करवाया जाता है और जब उन्हें इसकी लत लग जाती है तो तस्कर उन्हें डिलेवरी और अन्य काम में इस्तेमाल करते हैं.
स्कूल के बच्चों को कैसे रखें नशीले ड्रग्स से दूर
1. आपको यह बात बचपन से ही अपने बच्चे को समझाना होगा कि किस तरह यह चीजें आगे चलकर उनके लिए खतरनाक साबित होती है. इसके अलावा आप उन्हें ऐसे लोगों से भी सावधान रहने को कहे जो बच्चों को इसमें शामिल करना चाहते हैं.
2. बच्चों को शुरू से ही यह बात सीखाए कि अगर कोई उन्हें कोई ऐसी चीज ऑफर करता है जिसके बारे में उन्हें जानकारी ना हो, तो वह उसे ना कहे.
3. आप अपने बच्चों को खेलकूद या अन्य गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करें, ताकि वह इस तरह के गलत संगति से हमेशा दूर रहे.
4. अपने बच्चों के साथ बातचीत करने का एक नियमित रूटिन बनाएं ताकि आप उनके जीवन से जुड़ी सारी बातों को समझ सके और जान सके.
5. अपने बच्चे पर इस बात का हमेशा ध्यान दे कि वह किस कठिन समय से गुजर रहा है और यदि उसे आपकी आवश्यकता है तो उस वक्त जरूर मौजूद रहें, ताकि वह किसी और चीज को अपने अकेलेपन का साधन ना बनाएं.