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भारत के बारे में जानकर चौंकी थी दुनिया, एक गाने ने मनोज कुमार को अमर कर दिया

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आज बॉलीवुड में कई ऐसी फिल्में मौजूद हैं जो देश भक्ति की भावना बयां करती हैं, जिसे देखने के बाद आपको यह आभास होता है कि किस तरह देश की आजादी के लिए वीरों ने अपने प्राण त्याग दिए, पर इस बीच एक ऐसा गाना आया जिसने न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया और इस गाने ने देश प्रेम की ऐसी भावना जगाई की इस गाने को गाने वाले मनोज कुमार इस गाने से हमेशा के लिए अमर हो गए. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह पूरब और पश्चिम फिल्म का गाना ‘भारत का रहने वाला’ ने पीलोगों के दिलों दिमाग पर अलग पहचान बनाई थी.

मनोज कुमार का परिचय
मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई 1937 को पाकिस्तान के ऐबटाबाद शहर यानी कि उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत में हुआ था. उनके जन्म के 10 साल बाद ही भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था जिसके चलते वह दिल्ली जाने को मजबूर हुए. इसके बाद उनका परिवार कुछ समय तक विजय नगर कैंप में शरणार्थी के रूप में रहा और फिर यह लोग राजधानी दिल्ली में चले गए. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपने स्नातक की पढ़ाई पूरी की, जिसके बाद अभिनय में रुचि रखने के कारण वह मुंबई चले गए. इसके बाद उनका विवाह शशी गोस्वामी से हुआ. उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखते हुए कई सुपरहिट फिल्में दी जिसमें हरियाली, रास्ता 10 नंबरी, हिमालय की गोद में, सन्यासी, क्लर्क, शाहिद, वह कौन थी, उपकार, नीलकमल, पूरब और पश्चिम, शोर, क्रांति, मैदान ए जंग, पत्थर के सनम आदि कई सुपरहिट फिल्में शामिल थी. इसी बीच साल 1970 में जब उनकी फिल्म पूरब और पश्चिम रिलीज हुई तो इसका मंजर ही कुछ और था, जिसमें उनकी एक्टिंग को लोगों द्वारा इतना पसंद किया गया कि आज कई दशक बाद भी वह लोगों के दिमाग में बसे हुए हैं.उन्हें हम भारत कुमार के नाम से भी जानते हैं  भले ही उन्होंने 1957 में फिल्म फैशन से अपने करियर की शुरुआत की थी पर उन्होंने जो 1967 में फिल्म उपकार की, उसका गाना मेरे देश की धरती और 1965 में आई शहीद फिल्म का गाना सरफरोशी की तमन्ना की वजह से उन्हें एक अलग पहचान मिली जिस कारण 1992 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया.

भारत का रहने वाला गाने की कुछ महत्वपूर्ण बातें
देता ना दशमलव भारत तो यूं चांद पे जाना मुश्किल था, धरती और चांद की दूरी का अंदाजा लगाना मुश्किल था….. कुछ इस तरह इस गाने के बोल है, जो इस गाने में यह बताते हैं कि भारत का इन क्षेत्रों में कितना बड़ा योगदान है. इतना ही नहीं इस गाने में यह बताया गया है कि किस तरह भारत में सभ्यता है और जहां पर कल का सबसे पहले जन्म हुआ है. साल 1970 में आई इस फिल्म में महेंद्र कपूर ने अपनी आवाज दी थी जिसके गीत कल्याण जी, आनंद जी ने दिए थे. वहीं इसके बोल इंदीवार ने लिखे थे. इस फिल्म में मनोज कुमार के अलावा सायरा बानो, अशोक कुमार, प्रेम चोपड़ा मुख्य भूमिका में थे और इस फिल्म को डायरेक्ट और प्रोड्यूस करने वाले मनोज कुमार ही थे.

मनोज कुमार अपने परिवार के साथ.

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