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महिलाओं के अखंड सौभाग्य और त्याग का प्रतीक है यह पर्व, संपूर्ण भारत आज मना रहा है हरियाली तीज

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महिलाओं के अखंड सौभाग्य और त्याग का प्रतीक है यह पर्व, संपूर्ण भारत आज मना रहा है हरियाली तीज

महिलाओं के लिए पूरे साल कई ऐसे त्योहार आते हैं जो बेहद ही खास होते हैं. हरियाली तीज उनमें से एक है. इस दिन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और उनकी बेहतर स्वास्थ्य के लिए पूजा अर्चना करती हैं. हरियाली तीज पर्व का बेहद ही खास महत्व है. इस दिन महिलाएं सुबह से ही उत्साहित रहती हैं और शाम को सोलह सिंगार करके अपने पति के लिए पूजा करती हैं. इसके बाद ही वह व्रत को खत्म करती है. यही वजह है कि इस पर्व को महिलाओं के अखंड सौभाग्य और त्याग का प्रतीक माना जाता है. आज 19 अगस्त को संपूर्ण भारत में हरियाली तीज बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर महिलाएं क्यों इस व्रत को करती है और किस तरह इसे धूमधाम से मनाया जाता है.


क्यों कहते हैं महिलाएं यह कठिन पर्व हरियाली तीज
हरियाली तीज भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर मिलन को याद करने के लिए मनाया जाता है. कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया. इस दिन महिलाएं पूरी विधि पूर्वक शिव पार्वती की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इसे हरियाली तीज इसलिए कहते हैं, क्योंकि जब माता पार्वती और भगवान शिव का पुनर्मिलन हुआ था उस वक्त चारों ओर हरियाली छा गई थी और हर तरफ आस्था, सौंदर्य, प्रेम का उत्सव मनाया जा रहा था. आपको बता दें कि माता पार्वती ने 13 साल तक सिर्फ बेलपत्र खाकर भगवान शिव की आराधना की थी. हरियाली तीज का व्रत रखने से ही भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था जिस वजह से इस व्रत का चलन शुरू हुआ. इस दिन जो सुहागिन महिलाएं सोलह सिंगार करके भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं, उन्हें सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. हरियाली तीज के दिन महिलाएं हरे रंग की साड़ी, हरी चूड़ियां, गहने के साथ सोलह सिंगार करती हैं और भगवान शिव- माता पार्वती की पूजा भी करती हैं. इसके साथ ही महिलाएं सावन और तीज के गीत गाकर इसमें चार चांद लगा देती हैं. हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि पति पत्नी का साथ सात जन्मों तक का होता है. पत्नी अपने पति के शरीर का आधा अंग होती है. दोनों शब्दों का सार एक ही है जिसके अनुसार पत्नी के बिना पति अधूरा है और पत्नी ही पति के जीवन को पूरा करती है. उसे खुशहाली प्रदान करती है और उसके परिवार का ख्याल रखती हैं.

पुरुषों को नारी सम्मान करने के लिए कुछ टिप्स
जब पत्नी अपने पति के लिए व्रत करती है तो यह पति की जिम्मेदारी होती है कि अपने पत्नी का सम्मान करें और इस दिन अपनी पत्नी का कदम-कदम पर साथ देने का वादा करें, ताकि हर मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में आप उनके साथ रहे.
1. नारी का सम्मान करने के लिए यह जरूरी है कि आप उनकी सुविधाओं का जरूर ध्यान रखें ताकि उनके जीवन में किसी तरह का कोई कष्ट ना हो.

2. जब कोई महिला अपने परिवार को छोड़कर अपने पति के परिवार को अपना समझने लगती है तो यह पति की जिम्मेदारी होती है कि उसकी सभी ख्वाहिशें को पूरा करें और उसके सपने को सच करें.

3. महिलाओं के लिए सम्मान का एक बेहतर तरीका है कि आप कभी भी उनके साथ हिंसक व्यवहार ना अपनाए.

4. दुनिया में चाहे कोई भी परिस्थिति उत्पन्न क्यों ना हो जाए और आप पत्नी पर हमेशा विश्वास रखें. उसे यह एहसास दिलाएं कि आप हमेशा उसके साथ है.

हरियाली तीज पर्व में महिलाएं हाथों पर खूबसूरत मेहंदी लगाती हैं.

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