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बॉलीवुड को शर्मसार करता है कास्टिंग काउच, Mee-Too आंदोलन से मिला महिलाओं को हौसला

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कास्टिंग काउच शब्द से तो आज हर कोई वाकिफ होगा, जिसने बॉलीवुड में अपनी गंध मचा रखी है. इस बात से यह समझा जा सकता है कि बॉलीवुड को अब टैलेंट की कदर नहीं रही. कई बार अपने उसूलों पर चलने वाली और अपने सामने किसी की ओछी बातों में ना आने वाले कलाकारों के साथ अक्सर देखा जाता है कि उन्हें कई बड़ी-बड़ी फिल्में देकर छीन ली जाती है. यह कास्टिंग काउच का सबसे बड़ा उदाहरण है. दरअसल जब उन्हें हमबिस्तर होने के लिए कहा जाता है या कई ऐसी आपत्तिजनक चीजें करने को कही जाती है जिसके लिए उनका मन कभी भी तैयार ना हो तब वहां ना केवल टैलेंट का अपमान होता है बल्कि एक कलाकार के मानवता पर भी हमला किया जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह बॉलीवुड में कास्टिंग काउच के ऐसे हजारों किस्से भरे हैं जो आपको बताती है कि यहां टैलेंट नहीं बल्कि किसी और कारण से काम दिया जाता है.

बॉलीवुड में प्रमुख कास्टिंग काउच केस की चर्चा
बॉलीवुड में अक्सर कास्टिंग काउच जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है, जिसका मतलब है किसी काम को दिलाने के बदले सामने वाले से शारीरिक संबंध बनाने की मांग की जाती है. यह एक अनैतिक और गैरकानूनी व्यवहार कहलाता है. सिनेमा जगत में अक्सर न्यू कमर्स और जूनियर के साथ इस तरह की घटनाएं सामने आती है. आज फिल्मी दुनिया में कई ऐसे किस्से मौजूद हैं जो लोगों को पूरी तरह हैरान कर देते हैं.बॉलीवुड में कास्टिंग काउच के कुछ मशहूर किस्से है जो काफी चर्चा में रहे थे.

1. बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता शक्ति कपूर पर एक समय में यह आरोप लगा था कि वह लड़कियों को अपने ओहदे का झांसा देकर उन्हें सेक्स करने के लिए मजबूर करते हैं. इसका खुलासा इंडियाज मोस्ट वांटेड नाम के एक टेलीविजन शो ने किया था जिस वक्त यह मामला तूल पकड़ा था.
2. 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने चाइना गेट फिल्म को लेकर निर्देशक राजकुमार संतोषी पर हामी ना भरने की वजह से फिल्म से निकाले जाने की बात कही है.
3. पिछले कुछ वर्षों में मशहूर फिल्म डायरेक्टर साजिद खान पर भी कई अभिनेत्री ने कास्टिंग काउच के आरोप लगाए हैं.

क्या है Mee-Too आंदोलन
सोशल मीडिया आज अपनी बात को रखकर लोगों के सामने पेश करने का सबसे अच्छा तरीका है और इसका इस्तेमाल मी-टू आंदोलन के आने से और भी ज्यादा तेजी से होने लगा, जिसके तहत महिलाओं ने अपने उत्पीड़न की कहानी दुनिया के सामने रखी. अक्टूबर 2017 में अमेरिका में मी-टू आंदोलन की शुरुआत होने के बाद भारत में भी इसका असर नजर आया, जहां भारत की कई महिलाओं ने सोशल मीडिया पर बताया कि कैसे कार्य स्थलों पर उनका यौन उत्पीड़न हुआ. सही मायने में भारत में इस आंदोलन की शुरुआत 25 सितंबर 2018 को मानी जाती है. जब तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था
1. 2018 में मी टू मूवमेंट के तहत साजिद खान पर कई महिलाओं ने सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया था, जिस वजह से हाउसफुल 4 से साजिद खान को निकाल दिया गया. वो इस फिल्म के डायरेक्टर थे.

2. बॉलीवुड के मशहूर सिंगर अभिजीत भट्टाचार्य पर एक फ्लाइट अटेंडेंट ने आरोप लगाया था कि कोलकाता के एक पब में उनके साथ अभिजीत ने यौन शोषण करने की कोशिश की थी और इस दौरान उनका बाया कान नोच लिया गया था.

3. मशहूर लेखक चेतन भगत पर भी एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाते हुए बातचीत का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया था. बाद में उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी.

महिलाओं को फिल्म इंडस्ट्री में रोल देने के बहाने किया जाता है प्रताड़ित.

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