धर्म- कर्म
विश्व का इकलौता हनुमान मंदिर जहां होती है उल्टे हनुमान जी की पूजा, दर्शन का है विशेष महत्त्व
संकटमोचन कहे जाने वाले हनुमान जी की दुनिया में कई ऐसे विशाल और भव्य मंदिर हैं जो अलग-अलग कारणों से पहचाने जाते हैं. सनातन परंपरा में हनुमान जी को संकटों को दूर करने वाला देवता माना गया है. उनके मंदिर में भक्त सभी संकटों को लेकर पहुंचते हैं और उसका निवारण पाते हैं. आज हम एक ऐसे हनुमान जी के मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर उल्टे हनुमान जी की पूजा अर्चना होती है,जिसमे उनका पैर ऊपर और सर नीचे है और यहां इसका बड़ा ही विशेष महत्व है और मंदिर की खास बात क्या है वह जानिए.
इंदौर में स्थित पाताल विजय उल्टे हनुमान जी के मंदिर का परिचय
यह मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से मात्र 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस मंदिर में मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाने की मान्यता है, जिसे बेहद ही चमत्कारी माना जाता है. यहां हनुमान जी के साथ भगवान श्री राम, माता सीता, लक्ष्मण और शिव पार्वती की मूर्तियां भी स्थापित की गई है. ये विश्व की इकलौती प्रतिमा है जिसमें हनुमान जी उल्टे लेटे हुए हैं. कहा जाता है कि यह मंदिर रामायण काल के समय से ही है, जहां उल्टे मुख वाली सिंदूर से सजी हनुमान जी की मूर्ति स्थापित है. इस मंदिर का निर्माण देवी अहिल्याबाई होल्कर की प्रेरणा से महाराज मल्हार राव होल्कर ने करीब 250 साल पहले करवाया था. यहां पर जो भगवान हनुमान जी की उल्टी प्रतिमा है, उसे लेकर यह मान्यता है कि राम और रावण के युद्ध के दौरान रावण अपना रूप बदलकर अहिरावण बनकर भगवान राम की सेना में शामिल हो गया था. रात में रावण सोते हुए राम लक्ष्मण को मूर्छित करके पाताल लोक ले गया. जैसे इसकी सूचना मिली, पूरी वानर सेना बदहवास हो गई. तब भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण को पाताल लोक से वापस लाने हनुमान जी भी गए थे. वहां उन्होंने अहिरावण का वध किया और राम- लक्ष्मण को वापस लाएं. कहा जाता है कि सांवेर में जहां यह मंदिर है, वहीं से हनुमान जी पाताल लोक में गए थे और पाताल लोक में प्रवेश करते समय उनका सिर नीचे की ओर था, इसलिए इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति उसी उल्टी अवस्था में स्थापित की गई है.
कहा जाता है कि उल्टे हनुमान जी की मूर्ति जो कि जागृत मूर्ति मानी जाती है. यहां पर दर्शन मात्र से आपके सभी संकट दूर हो जाते हैं. इतना ही नहीं यदि कोई व्यक्ति यहां पर आकर लगातार तीन या पांच बार मंगलवार को पूजा करता है, तो हनुमान जी उसके जीवन के सभी कष्टों का निवारण करके उसके जीवन में धन और समृद्धि की पूर्ति करते है.
इस मंदिर से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें
1. इस मंदिर में पीपल, नीम, बरगद के साथ ही दो पारिजात के वृक्ष भी हैं. पारिजात वृक्ष में हनुमान जी का भी वास माना जाता है.
2. ऐसी मान्यता है कि मंदिर के आसपास के वृक्षों पर तोतों का कई झुंड दिखाई देता है, क्योंकि हनुमान जी ने एक बार तोता का रूप धारण किया था.
3. हनुमान जी की यहां पर जो मूर्ती है, वह अत्यंत चमत्कारी मानी जाती है, जहां दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं.
4. इस मंदिर के पास कई संतों की समाधिया देखने को मिलती है.