ओ तेरी..
इन वजहों से असफल रहा रशिया का मून मिशन Luna- 25, 47 साल बाद रूस ने की थी हिम्मत
11 अगस्त को सुबह 4:40 पर रूस के वोस्तोनी कॉस्मो ड्रोन से Luna- 25 की लॉन्चिंग हुई थी. 1966 के 47 साल बाद रसिया ने अपना मून मिशन भेजने का फैसला जल्दबाजी में लिया. इसे जिस रास्ते से भेजा गया था उसकी लंबाई 46.3 मीटर है. जिस तरह की रणनीति बनाई गई थी, उसके बाद तो ऐसा माना जा रहा था कि Luna- 25, 21 या 22 अगस्त को चांद की सतह पर पहुंच जाएगा और चंद्रयान-3 से पहले चांद पर लैंड करेगा पर ऐसा नहीं हुआ और अचानक यह पता चला कि रसिया का महत्वकांक्षी मून मिशन Luna- 25 पूरी तरह से खत्म हो गया जिसका इस वक्त पूरी दुनिया शोक मना रही है. एक बार फिर से चांद की सतह पर पहुंचकर कई जरूरी जानकारियों को इकट्ठा करने का सपना खत्म हो गया. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह रशियन मून मिशन Luna- 25 को लांच किया गया और आखिर किस वजह से यह मिशन सफल नहीं हो पाया.
*रशियन मून मिशन Luna- 25 का परिचय*
Luna- 25 एक छोटे आकार का रोबोट था जिसे सोयुज रॉकेट के जरिए टेक ऑफ किया गया था. रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कॉसमॉस ने 11अगस्त को Luna- 25 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने का प्लान बनाया था. 1976 के बाद रूस ने अपना यान चंद्र पर भेजा था जिस रॉकेट पर इस यान को भेजा गया था, उसका वजन 313 टन है जो चांद के चारों तरफ 7 से 10 दिन तक चक्कर लगाने के लक्ष्य से तैयार किया गया था. Luna- 25 चंद्रमा की सतह पर साल भर काम करने के लक्ष्य से बना था. इसका वजन 1.8 टन है. यह खुदाई करके पत्थर और मिट्टी का सैंपल जमा करता ताकि फ्रोजन वाटर यानी जमे हुए पानी की खोज की जा सके ताकि भविष्य में जब इंसान चांद पर बसे तो उसके लिए यह व्यवस्था आसान हो. माना जा रहा था कि 22 से 23 अगस्त को यह मिशन पूरी तरह से कंप्लीट होने वाला था, पर ऐसा हुआ नहीं. दरअसल स्पेसक्राफ्ट चांद की सतह से टकराने के साथ ही क्रैश हो गया और एक अनजान अपरिचित कक्षा में प्रवेश कर गया था जिसके बाद ही कई समस्या आने लगी थी. इस मिशन के बाद रूस की अंतरिक्ष एजेंसी को 16.6 अरब रुपए का नुकसान हुआ है. इस मिशन का लक्ष्य था कि चांद के क्षेत्र में मौजूद चट्टान और धूल का नमूना हासिल कर सके. इसके अलावा यह चांद की सतह पर गर्मी की जांच करने और यहां पर वायुमंडल पर प्लाज्मा की जांच करने के लक्ष्य से तैयार किया गया था. Luna- 25 में लैंडिंग रॉकेट, प्रॉपलेट टैंक, सोलर पैनल कंप्यूटर और चांद पर मिट्टी की खुदाई वाली एक रोबोटिक आर्म तैयार की गई थी.
*Luna- 25 के असफल होने के कुछ कारण*
1. लैंडिंग से पहले ऑर्बिट बदलते वक्त असामान्य स्थिति उत्पन्न हो गई जिस वजह से वह अपनी ऑर्बिट नहीं बदल पाया और चांद पर क्रैश हो गया.
2. Luna- 25 अंतरिक्ष यान में कई तरह की तकनीकी खराबी भी बताई जा रही थी, जिस कारण यह मिशन सफल नहीं हो पाया.
3. Luna- 25 को ऑर्बिट में प्रवेश करने का कमान मिला और प्री लैंडिंग के लिए ऑर्बिट में भेजने के लिए थ्रस्ट जारी किया गया. उसी समय इमरजेंसी हालात पैदा होने के कारण यह पूरा नहीं हो पाया.
4. क्रैश होने से पहले ही Luna- 25 मिशन अनियंत्रित हो गया था जिसमें उसकी तेज गति भी समस्या मानी जा रही थी.