ओ तेरी..
जम्मू कश्मीर से शुरू हुई बैगनी क्रांति आज पूरे भारत के किसानों को लुभा रही है, आप भी हो सकते हैं मालामाल
देश में आजादी से पहले भी कई ऐसी क्रांति हुई जिसने लोगों के बीच एक अलग तरह की लहर पैदा कर दी. इन्हीं में से एक क्रांति है बेगानी क्रांति, जो भले ही भारत की आजादी के बाद हुई है पर इसने जो परिणाम किसानों पर छोड़ा है. यह उसी का नतीजा है कि आज किसान धीरे-धीरे उसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं और इसे अपनाने की कोशिश कर रहे हैं. यदि आप इसे अपनाते हैं तो 1 साल में आप भी मालामाल हो सकते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह जम्मू कश्मीर से बैगनी क्रांति की शुरुआत हुई. इसने किस तरह अपने पांव पसारे और आज इसकी स्थिति क्या है.
*जम्मू कश्मीर में शुरू हुए बैगनी क्रांति का परिचय*
बैगनी क्रांति जम्मू कश्मीर के भद्रावाह नाम के एक छोटे से अनजान पहाड़ी गांव से शुरू हुआ था. धीरे-धीरे देखते ही देखते यह किसानों के आकर्षण का केंद्र बन गया. असल में ये क्रांति जम्मू कश्मीर में लैवेंडर की खेती में बढ़ोतरी के लिए किया जा रहा है. लैवेंडर का फूल बैगनी रंग का होता है, जो पहले जम्मू कश्मीर के छोटे-छोटे हिस्सों में उगाया जाता था लेकिन भद्रवाह के भारत भूषण की सफलता के बाद इस खेती की दिशा बदल गई. साल 2016 में अरोमा मिशन के माध्यम से इसकी शुरुआत की गई. बैगनी क्रांति को शुरू करने का एकमात्र लक्ष्य था कि सुगंध उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव लाए जिसके परिणाम स्वरुप सुगंध क्षेत्र के विस्तार को बढ़ावा देना और ग्रामीण रोजगार पैदा करना था. इस क्रांति के तहत बड़ी मात्रा में लैवेंडर के फूलों की खेती की शुरुआत की गई. इसके बाद देश भर के किसानों ने अब इस मॉडल को अपनाना शुरू कर दिया है. इस मिशन के तहत पहली बार जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में किसानों को मुफ्त में लैवेंडर के पौधे दिए गए थे, जिन लोगों ने पहले लैवेंडर की खेती की थी, उनसे 5-6 प्रति पौधा के दर से शुल्क लिया गया. बैगनी क्रांति से 5000 से अधिक युवाओं की मदद की गई और इससे उनकी आय भी दोगुनी हो गई. भारत आज लैवेंडर तेल का शुद्ध आयातक है. इस क्रांति की ओर तेजी से किसान आकर्षित हो रहे हैं क्योंकि इस क्षेत्र में उनकी आय काफी अधिक हो रही है. इसने हजारों किसानों और युवा उद्यमियों को अपने साथ जोड़ा है, जो इससे आजीविका कमा रहे हैं. आज कई हजार किसान परिवार इसकी खेती भी कर रहे हैं. इसके प्रति आकर्षित होने की एक सबसे बड़ी वजह यह है कि लैवेंडर को कम सिंचाई वाले बंजर खेत में भी उगाया जा सकता है, जिस वजह से किसानों की आय में चौगुनी वृद्धि होती है.
बैगनी क्रांति से होने वाले कुछ महत्वपूर्ण फायदे
1. बैगनी क्रांति और अरोमा मिशन के तहत किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में काफी मदद मिली.
2. लैवेंडर उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण इसने कृषि विनिर्माण और पर्यटन क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर पैदा किया.
3. लैवेंडर एक उच्च मूल्य वाली फसल है और इसकी खेती से कई किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिली है.