ओ तेरी..

भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है बेलपत्र, इसके आध्यात्मिक और औषधीय गुणों को जानकर चौंक जाएंगे आप

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सावन के महीने में लोग पूरे मन के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं और तरह-तरह की सामग्रियों से भगवान शिव की पूजा करते हैं. भगवान शिव की पूजा करने में बेलपत्र की सबसे बड़ी भूमिका होती है, जिसकी आवश्यकता हर हाल में पूजा के समय होती है, पर क्या आप जानते हैं कि यह केवल एक पत्ता नहीं है बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर है. बेलपत्र हमारी सेहत के लिए एक रामबाण इलाज है. विटामिन ए, विटामिन सी और मिनरल से भरपूर बेलपत्र डायबिटीज के मरीज के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. इसमें मौजूद फाइबर खून में शुगर लेवल को बढ़ने से पूरी तरह रोकता है और हमारे शरीर को ठंडक पहुंचाता है. डायबिटीज के मरीज अपना शुगर लेवल कंट्रोल रखने के लिए रोजाना सुबह बेलपत्र का सेवन कर सकते हैं. आप चाहें तो सुबह खाली पेट चबाकर या फिर इसका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं. यह दोनों ही रूप में फायदेमंद है. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह बेलपत्र हमें अनेकों स्वास्थ्य लाभ पहुंचाता है.

*बेलपत्र भगवान शिव पर क्यों चढ़ाया जाता है*
सावन के महीने में हर किसी ने देखा होगा कि भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित किया जाता है. आखिर इसके पीछे वजह क्या है.कहा जाता है कि शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव खुश होते हैं और उनके भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. बेलपत्र में तीन पत्ती एक साथ जुड़ी होती है, जिसको लेकर कई तरह की पौराणिक मान्यताएं भी है. कहीं पर इसे त्रिदेव यानी कि (ब्रह्मा, विष्णु और शिव) तो कहीं तीन गुण का प्रतीक माना जाता है. इतना ही नहीं बेलपत्र की इन तीन पत्तियों को महादेव की तीन आंखें और उनके त्रिशूल का भी प्रतीक कहा जाता है.

*किन रोगों में बेलपत्र देता है मरीजों को आराम*
1.  एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर बेलपत्र का जूस बनाकर पीने से हेयर फॉल की समस्या पूरी तरह खत्म होती है और बालों में एक अलग ही चमक आती है।
2. दिल के मरीजों के लिए भी बेलपत्र काफी फायदेमंद माना जाता है. इसका काढ़ा बनाकर पीने से हार्ट अटैक का खतरा कम होता है.
3. बवासीर जैसी बीमारी में भी यह काफी फायदा पहुंचाता है. बेल की जड़ का गुर्दा पीसकर बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर उसका चूर्ण बनाकर सुबह-शाम ठंडे पानी के साथ सेवन करें जो कुछ ही दिनों में आपको फायदा पहुंचाता है.
4. बेलपत्र का चूर्ण कैंसर की संभावनाओं को काफी हद तक काम करता है और यह हमारे शरीर में किसी भी प्रकार की पेट संबंधी समस्या या सूजन में राहत दिलाता है.
5. अस्थमा के रोगी अगर बेल के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीते हैं तो उन्हें इससे काफी फायदा मिलता है.
6. जिन बच्चों की लंबाई नहीं बढ़ रहे हैं उन्हें तीन बेलपत्र और एक काली मिर्च सुबह खाली पेट चबाने की सलाह दी जाती है जिन्हें अपनी लंबाई में वृद्धि देखने को मिलती हैं.
7. बेल के पत्तों को सात काली मिर्च के साथ अच्छे से पीसकर इसे मिश्री के साथ सुबह-शाम सेवन करने से रतौंधी में काफी आराम मिलता है.

सनातन संस्कृति में बेल के पेड़ को अत्यंत ही पवित्र माना गया है, जिसके पत्ते,फल और लकड़ी सभी औषधिय गुणों से भरपूर हैं.

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