ओ तेरी..
इंटरनेट के विकास में टिम बर्नर्स ली के योगदान को कभी नहीं भूलेगी दुनिया, पढ़िए www की कहानी
आज इंटरनेट लोगों के लिए इस कदर जरूरी हो चुका है कि लोगों के लिए फोन रखने का मतलब ही इंटरनेट का इस्तेमाल करना हो चुका है. अगर फोन में इंटरनेट नहीं है तो शायद वह आज किसी काम का नहीं है. पर क्या आपको पता है कि आज हम जिस इंटरनेट का दिन में आधे से ज्यादा समय तक इस्तेमाल करते हैं, उसके विकास में किस व्यक्ति का अहम योगदान है. हम बात कर रहे हैं टिम बर्नर्स ली की जिन्होंने इंटरनेट के विकास में जो योगदान दिया है उसे सालों साल तक कोई नहीं भूल सकता है. आज हम आपको बताएंगे किस तरह टिम बर्नर्स ने WWW की शुरुआत की और इसे विकसित किया. साथ ही दुनिया के लिए यह एक बहुत बड़ी सौगात कैसे बन गई.
टीम बर्नर्स ली का परिचय
टिम बर्नर्स ली का जन्म 8 जून 1955 को इंग्लैंड में हुआ था. उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की. उनके माता-पिता दोनों गणितज्ञ थे. यही वजह है कि टिम भी गणित में एक्सपर्ट हो गए.बर्नर्स ने साल 1989 में इनफॉरमेशन मैनेजमेंट ए प्रपोजल नाम से रिसर्च पेपर लिखा था. इसमें उन्होंने हाइपरटेक्स्ट और इंटरनेट को एक साथ जोड़ दिया. इससे बर्नर्स को कम्युनिकेशन सिस्टम बेहतर बनाने में मदद मिली थी. इसके बाद उन्होंने 1994 में वेब संघ की स्थापना की. साल 2004 में उन्हें ब्रिटेन की महारानी ने नाइटहुड की उपाधि दी थी, जिसके बाद टिम को ऑर्डर ऑफ मेरिट का सम्मान भी मिला.
क्या है www
WWW यानी कि वर्ल्ड वाइड वेब को W3 या वेब के नाम से भी आज हम जानते हैं. इंटरनेट पर दुनिया भर में हजारों लाख कंप्यूटर और संग्रहित लाखों लाख डॉक्यूमेंट को यह एक्सेस करने का एक आर्किटेक्चर फ्रेमवर्क है. यह एक ऐसी तकनीक मानी जाती है, जिसकी वजह से दुनिया भर के कंप्यूटर एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं. वर्ल्ड वेब एचटीएमएल एचटीटीपी वेब सर्वर और वेब ब्राउज़र तकनीक पर आधारित है. 1990 में टिम ने वर्ल्ड वाइड वेब एचटीएमएल और टेक्स्ट ब्राउज़र का आविष्कार किया. जब कोई यूजर वेब डॉक्यूमेंट को खोलता है तो वह इसके लिए एक प्रकार की एप्लीकेशन का इस्तेमाल करता है जिसे वेब ब्राउज़र कहते हैं. जब किसी वेब ब्राउज़र में डोमेन या यूआरएल का नाम लिखा जाता है तो ब्राउज़र एचटीटीपी के डोमेन एड्रेस को खोजने के लिए रिक्वेस्ट जनरेट करता है क्योंकि हर डोमेन का अपना अलग एड्रेस होता है. इसके बाद ब्राउज़र डोमेन नेम को सर्वर आईपी एड्रेस में बदल देता है. जब एड्रेस वह सर्वर जिससे डोमेन को होस्ट किया गया है वह मैच हो जाता है तो सर्वर पर उस पेज को ब्राउज़र के पास वापस भेज देता है, जिसको आप अपने वेब ब्राउज़र पर आसानी से देख सकते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि दुनिया भर से आसानी से कांटेक्ट स्थापित किया जाने लगा.
Html और Url क्या है
एचटीएमएल यानी कि हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज जो वेबसाइट डेवलपमेंट के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा है. इसकी खासियत यह है कि यह एक ऐसी भाषा है जिसे कोई भी आसानी से समझ नहीं सकता. 90 के दशक में टिम बर्नर्स ली द्वारा इसे विकसित किया गया था. इसका पहला संस्करण 1993 में लिखा था.
इसी कड़ी में यूआरएल का नाम भी शामिल है जिसका मतलब यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर भी होता है जो किसी वेबसाइट के पेज को रिप्रेजेंट करता है. यह आपको किसी वेब पेज तक ले जाता है. यूआरएल इंटरनेट में किसी भी फाइल या वेबसाइट का एड्रेस होता है जिसकी शुरुआत भी टिम बर्नर्स ली ने 1994 में की थी. और हम सभी जानते हैं कि आज भी WWW,HTML और URL का प्रयोग पूरी दुनिया कर रही है. इस वजह से टीम बर्नर्स ली के योगदान को दुनिया कभी नहीं भूलेगी.