एक था खलनायक
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड साजिद मीर पर घोषित है 41 करोड़ का इनाम, चीन बन रहा ढा़ल
आज भी जब मुंबई हमले की चर्चा होती है तो हर भारतीय के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, जिसमें न जाने कितने निर्दोष लोगों ने अपने जान गंवाए थे. मुंबई हमले का मास्टरमाइंड साजिद मीर का नाम इसमें सबसे पहले आता है, जिसने यह पूरा प्लान बनाकर तैयार किया था. आतंक की दुनिया में इसने ऐसा कोहराम मचा कर रखा है कि अमेरिका ने साजिद मीर की गिरफ्तारी और दोष सिद्धि के लिए सहायक सूचना देने के लिए 50 लाख डॉलर यानी कि करीब 41 करोड रुपए का इनाम रखा है, पर इस वक्त चीन सबसे बड़ा ढाल बनकर खड़ा है जिस वजह से साजिद मीर के खिलाफ कोई भी देश कोई एक्शन नहीं ले पा रहा है. आज हम आपको बताएंगे की लशकरे तैयबा से संबंध रखने वाला साजिद मीर ने किस तरह मुंबई हमले की प्लानिंग की थी.
साजिद मीर का परिचय और बैकग्राउंड
साजिद मीर का जन्म पाकिस्तान के लाहौर में 1 फरवरी 1978 को हुआ था. उसे हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और अरबी भाषाओं का ज्ञान है. साजिद मीर मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला है, जिसके कई नाम है. वह इब्राहिम, वास खालिद, भाई अली, मूसा भाई, साजिद मजिद और कई ऐसे नाम से जाना जाता है. साजिद मीर लश्करे तैयबा का एक वरिष्ठ सदस्य माना जाता है.
26/ 11 मुंबई हमले में साजिद मीर का बहुत बड़ा हाथ था. वह इस हमले का ऑपरेशन मैनेजर था, जो इस हमले की योजना बनाने, उसकी तैयारी करने और उसे अंजाम देने में अहम भूमिका निभा रहा था. अभी स्पष्ट रूप से कहा नहीं जा सकता पर सूत्रों के मुताबिक कई बार यह बताया जा चुका है कि वह अभी पाकिस्तान में है.
चीन कैसे साजिद मीर को बचाने की कोशिश कर रहा है
जब संयुक्त राष्ट्र में साजिद मीर को नामित करने का प्रस्ताव किया गया तो चीन ने इसे होल्ड कर दिया था और अब चीन ने इस प्रस्ताव को पास होने से रोक दिया है. दरअसल चीन के पास एक वीटो पावर है जिसके तहत अगर एक भी देश ने किसी प्रस्ताव पर असहमति जाता दी तो वह पास नहीं हो पाता है. स्थाई सदस्य देशों के इसी शक्ति को वीटो पावर कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल करके साजिद मीर को ब्लैक लिस्ट करने के प्रस्ताव को चीन ने रोक दिया है. दरअसल चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकवादी के रूप में साजिद को ब्लैक लिस्ट करने और उसकी संपत्ति जप्त करने, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिका और भारत की तरफ से पेश किए गए प्रस्ताव को वीटो के जरिए रोक दिया है.