गरम मुद्दा

G20 सम्मेलन को लेकर छावनी में तब्दील हुई नई दिल्ली, इस वजह से किए जा रहें हैं सुरक्षा के कड़े इंतजाम

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काफी लंबे समय से g20 सम्मेलन को लेकर चर्चा चल रही है, जो इस बार दिल्ली में आयोजित हो रहा है. इस सम्मेलन की सुरक्षा के मद्देनजर हेलीकॉप्टर राजधानी के आसमान में गस्त करेंगे. साथ ही साथ हथियारों से एनएसजी की कमांडो दस्ते से लैस आठ हेलीकॉप्टर कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. सुरक्षा के लिए डेढ़ लाख जवानों को मुस्तैद किया गया है, ताकि किसी भी तरह से इस सम्मेलन में बाधा ना हो. आज हम आपको बताएंगे कि इस बार का g20 सम्मेलन कितना खास क्यों है और दिल्ली में इसके लिए किन-किन तैयारी के इंतजाम किए गए हैं. इतना ही नहीं आखिर इस सम्मेलन का मुख्य एजेंडा क्या है जिसमें हिस्सा लेने के लिए कई बड़े-बड़े देश के नेता भारत पहुंचने वाले हैं.

g20 सम्मेलन का परिचय
G20 का मतलब ग्रुप ऑफ 20 है. इसमें 19 देश और यूरोपीय यूनियन शामिल है. कह सकते हैं कि यह कुल जमा 20 देश का शिखर सम्मेलन है. इस समूह की स्थापना 1999 में की गई थी. उस वक्त आर्थिक संकट से निपटने के लिए दुनिया के बड़े-बड़े देशों के वित्त मंत्री सहित सेंट्रल बैंक के गवर्नर ने एक साथ मिलकर इस समूह का गठन किया था. इसके जरिए हिस्सा लेने वाले सभी 20 देश मिलकर वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर काम करते हैं. इस बार g20 समिट के लिए अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके और यूएसए ओर यूरोपीय यूनियन शामिल है. सदस्य देशों के तौर पर नीदरलैंड, सिंगापुर, स्पेन ,संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, बांग्लादेश, मिस्त्र, मॉरीशस और नाइजीरिया को बुलाया गया है.
G20 की अध्यक्षता किसी भी देश को 1 साल के लिए दी जाती है. इस मौके पर जी-20 की अध्यक्षता करने वाले देश के साथ मिलकर अन्य देश के प्रमुख विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं, जिसमें आर्थिक पक्ष से लेकर अंतरराष्ट्रीय विषय तक शामिल होता है. इसमें दो समानांतर ग्रुप शामिल होते हैं. दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने वाले g20 सम्मेलन की पहली बार भारत मेजबानी कर रहा है. बैठक में बहुपक्षीय संस्थाओं से विकासशील देशों को अधिक अंतरराष्ट्रीय ऋण व्यवस्था में सुधार और क्रिप्टोकरेंसी पर नियम को लेकर चर्चा होने की उम्मीद है.

g20 सम्मेलन को लेकर नई दिल्ली में चल रहे तैयारी का विस्तृत उल्लेख, सुरक्षा के इतने कड़े इंतजाम क्यों किए गए हैं
G20 सम्मेलन को लेकर दिल्ली में गुरुवार 7 सितंबर रात 9:00 बजे से पाबंदियां लागू है. 8 से 10 सितंबर तक दिल्ली में कई तरह के पाबंदियां लागू रहेगी. G20 सम्मेलन की तैयारी के लिए दिल्ली को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है. तमाम सड़कों और चौराहों को फूलों और फव्वारों से सजाया गया है, जबकि सरकारी भवनों और फुटपाथों को नए सिरे से पेंट किया गया है. सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. एंटी ड्रोन सिस्टम और 130000 पुलिस और अर्धसैनिक कर्मियों द्वारा शहर को अचूक सुरक्षा प्रदान की जाएगी. दिल्ली पुलिस के 50000 जवान, एनएसजी, सीआरपीएफ  और आर्मी के करीब 80000 जवान तैनात रहेंगे. आपको बता दें की इतने कड़े इंतजाम के पीछे सबसे प्रमुख वजह आतंकवादी हमले की आशंका है. जहां एक ओर राजधानी में 19 विभिन्न देशों के प्रतिनिधि मौजूद होंगे तो ऐसे में आतंकवादियों को एक सुनहरा मौका है कि वह शांति भंग करने का प्रयास करें. किसी भी स्थिति में उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने कमर कस ली है और सेना और दिल्ली पुलिस ने मिलकर एक अभेद्य जाल बिछाया है.

इस बार जी-20 की अगुवाई ई भारत कर रहा है जिसे लेकर दिल्ली के प्रगति मैदान में विशेष इंतजाम किए गए हैं.

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