इस वक्त सनातन धर्म की चर्चा बड़े ही जोरों शोरों से चल रही है. सनातन धर्म को हिंदू धर्म या वैदिक धर्म के नाम से भी जाना जाता है, जिसका एक अपना गौरवशाली इतिहास रहा है. परंतु आजकल कुछ नेता सनातन धर्म को निशाना बना कर अपनी राजनीति सेंकने के चक्कर में हैं. इस वक्त सनातन धर्म पर हो रहे लगातार हमलो के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोर्चा संभालते हुए एनडीए के मंत्रियों को सख्त निर्देश दे दिया है. आखिर प्रधानमंत्री को ऐसे कड़े कदम क्यों उठाने पड़े.आज हम आपको बताएंगे कि आखिर अचानक सनातन धर्म को लेकर इतनी चर्चा तेज क्यों हो गई और किन नेताओं के बयान से बवाल मच गया है.
सनातन धर्मपर आघात करने के लिए क्या कुछ बोला गया: सनातन का अर्थ होता है सदा बना रहने वाला यानी जिसका न आदि है ना अंत. सनातन धर्म दुनिया का सबसे प्राचीनतम धर्म माना जाता है. सिंधु घाटी सभ्यता में हिंदू धर्म के कई चिन्ह भी मिले हैं. हिंदू धर्म को इसलिए सनातन धर्म कहा जाता है क्योंकि यही एकमात्र धर्म है जो ईश्वर, आत्मा और मोक्ष को तत्व और ध्यान से जानने का मार्ग बताता है. सनातन धर्म का मूल तत्व सत्य, अहिंसा, दया, क्षमादान, जप, तप, यम नियम आदि हैं, जिनका शाश्वत महत्व है. पूरे देश में सनातन धर्म को लेकर मामला उसे दिन गर्म हो गया जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर कहा कि सनातन का बस विरोध नहीं किया जाना चाहिए, इसे समाप्त ही कर देना चाहिए. यह धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. हम डेंगू, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते हैं. हमें इसे मिटाना है. इस तरह हमें सनातन को भी मिटाना है. सनातन धर्म पर एक के बाद एक विवादास्पद बयानों का सिलसिला जारी है. उदय निधि स्टालिन के बाद डीएमके सांसद ए राजा ने सनातन धर्म की तुलना एचआईवी से कर दी है. ए राजा ने कहा सनातन धर्म एक सामाजिक बीमारी है. सनातन की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसे सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए. इतना ही नहीं सांसद ए राजा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सनातन धर्म पर सार्वजनिक बहस की चुनौती दी है.
सनातन धर्म पर प्रधानमंत्री मोदी के विचार और मंत्रियों को दिया गया संदेश* सनातन धर्म के बीच छिड़ी बहस पर प्रधानमंत्री ने मंदिर परिषद की बैठक में कहा कि देश को भारत कहने का अधिकार हमें संविधान देता है. मगर क्या यही संविधान किसी को सनातन धर्म को समूल नष्ट करने की धमकी देने का अधिकार देता है. विपक्ष के इस दोहरे मापदंड को देश देख रहा है. ऐसा बयान पूरी तरह से अस्वीकार्य है और हमें इस मामले में कडा़ प्रतिरोध दर्ज करते हुए विपक्ष को कटघरे में खड़ा करना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों के साथ बैठक की और उन्होंने मंत्रियों को कड़े संदेश दिए. उन्होंने एनडीए के मंत्रियों से कहा कि सनातन धर्म पर उदयनिधि के बयान का तथ्यों के साथ जवाब दिया जाए.