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चंबल का वह अय्याश डाकू जिसके लिए महिलाएं थी खिलौना, तीन बीवियों संग चलाता था गैंग

एक था खलनायक

चंबल का वह अय्याश डाकू जिसके लिए महिलाएं थी खिलौना, तीन बीवियों संग चलाता था गैंग

एक ऐसा डाकू जिसकी क्रूरता की कोई सीमा ही नहीं थी. इसके लिए लोगों की जान लेना महज एक खिलौने के समान था. ये जहां भी जाता था, वहां औरतों के साथ रेप करता था और कई बड़े-बड़े अपराधों को अंजाम देता था. तीन बीवियों से शादी रचाने के बाद भी कई गर्लफ्रेंड रखता था जो पूरे दिन उसके साथ रहती थीं. हम बात कर रहे हैं चंबल के डाकू निर्भय सिंह गुर्जर की जिसने न जाने कितने लोगों को मौत के घाट उतारा और कई बड़े से बड़े मामलों में इस डाकू का नाम शामिल था. आज हम आपको बताएंगे की कैसे निर्भय सिंह इतना खूंखार डाकू बना और इसने अपने गैंग को कैसे मजबूती दी.

डाकू निर्भय सिंह गुर्जर का परिचय
अय्याश और रंगीन मिजाज का व्यक्ति निर्भर सिंह गुर्जर का जन्म 1961 में उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के पचदौरा गांव में हुआ था. निर्भय सिंह के डाकू बनने की कहानी उसके घर से ही शुरू हुई थी. दरअसल उसके पिता अपने बच्चों को लेकर अपने ससुराल गंगदासपुर रहने चले आए जो बात वहां के लोगों को अच्छा नहीं लगता था. इस बात को लेकर गांव वाले निर्भय के मामा से झगड़ा करते थे और उन्हें यह अच्छा नहीं लगता था. पूरा गांव एक तरफ था और निर्भय के मामा अकेले एक तरफ थे. गांव वाले निर्भय के मामा की जमीन भी हरपना चाहते थे. यहीं से डाकू बनने की कहानी शुरू हुई. 25 साल की उम्र में जालौन जिले के चुरकी गांव में एक शख्स के घर उसने डाका डाला था. जेल से छूटने के बाद उसने डाकू लालाराम की शरण ली और फिर इसने लूट, अपहरण की वारदात को अंजाम देना शुरू कर दिया. उसके साथ जो तीन महिलाएं रहती थीं, उन तीनों का ही उसने अपहरण किया था. इससे पहले डाकू लालाराम ने हीं निर्भय की शादी गैंग में रह रही सीमा परिहार से कर दी, लेकिन सीमा परिहार ने 2 वर्ष बाद ही उसे अपने गैंग से निकाल दिया. उसे निर्भय गुर्जर की असलियत पता चल गई थी कि निर्भय जिस गांव में लूटपाट करने जाता है, वहां महिलाओं के साथ बलात्कार करता था. इसी कारण सीमा ने उसके साथ सारे संबंध भी खत्म कर दिए.

निर्भय द्वारा किए गए मुख्य डकैती और उसका अंत : निर्भय सिंह गुर्जर चंबल का खतरनाक डकैत था उसने लूट अपहरण और हत्या की वारदातों को अंजाम देकर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित राजस्थान में अपना दहशत बना दिया था. उसके ऊपर 205 आपराधिक मामले दर्ज थे 2005 में निर्भय गुर्जर का दत्तक पुत्र श्याम और उसकी पत्नी नीलम सारा माल लेकर भाग गए निर्भय गुर्जर का दत्तक पुत्र निर्भय गुर्जर की पत्नी नीलम को भगाकर ले गया उसके बाद श्याम की बीवी सरला ने गुर्जर से शादी कर ली श्याम और नीलम ने जाकर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया और डाकू निर्भय गुर्जर के खुफिया ठिकानों की जानकारी पुलिस को दी इसके बाद पुलिस ने अपना जान भी छाया और 2005 में ही चंबल के आतंक निर्भय गुर्जर को ढेर कर दिया


निर्भय सिंह के जीवन से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें
1. वह चंबल के आखिरी डकैतों में से एक था जिसे चंबल का आखिरी शेर भी कहा जाता था.

2. 205 आपराधिक मामले दर्ज होने के कारण यूपी और एमपी पुलिस द्वारा 2.5 लख रुपए का उसपर इनाम रखा गया था.

3. डाकू निर्भय गुर्जर के ऊपर बॉलीवुड में Beehad-The Ravine नाम की फिल्म भी बन चुकी है.

4. निर्भय सिंह को शराब के साथ-साथ लड़कियों का भी शौक था. उसे जब दिल करता था वह किसी का रेप कर लेता था.

5. निर्भय सिंह गुर्जर एक ऐसा डाकू था, जिसे खुश करने के लिए उसकी प्रेमिकाएं जींस टॉप पहना करती थीं.

डाकू निर्भय सिंह काफी अय्याश किस्म का डकैत था.

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