पढ़ाई - लिखाई
अंतरिक्ष में मानव भेजने की तैयारी में अहम योगदान निभाएगा मिशन गगनयान, पढ़िए इसके लक्ष्य
एक ऐसा मिशन जिसके तहत भारत ने अंतरिक्ष में मानव की उड़ान को साकार करने का एक ख्वाब देखा है. ऐसा पूरा करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने अपनी कोशिशें को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. इन्हीं कोशिशें का नतीजा है कि देश अंतरिक्ष में दुनिया को अपनी स्वदेशी ताकत का सबूत देने में कामयाब हो रहा है और इसका एक और साक्षात उदाहरण बनने जा रहा है गगनयान मिशन, जिसका बड़े ही बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. आज हम आपको एक ऐसे मिशन के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके तहत अंतरिक्ष में मानव के भेजने की तैयारी की जा रही है और भारत एक बार फिर से इतिहास रचने की ओर आगे बढ़ रहा है.
इसरो का आगामी मिशन गगनयान का परिचय
गगनयान मिशन एक ऐसा मिशन है जिसकी तैयारी काफी लंबे समय से चल रही थी. इसके तहत पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. इसरो का आगामी मिशन गगनयान मिशन के तहत तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा. इन यात्रियों को तय कक्षा में 3 दिन के लिए रखा जाएगा. इसके बाद सुरक्षित वापस लाया जाएगा. उन्हें भारतीय क्षेत्र के समुद्र में उतर जाएगा. इसरो अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में यात्रा कराएगी जिसके लिए इसरो ने भारतीय वायुसेना से अंतरिक्ष यात्री चुनने के लिए कहा था. दरअसल इस मिशन की सफलता के बाद दूसरे चरण में एक महिला रोबोट और तीसरे चरण में इंसान यानी कि एस्ट्रोनॉट को भेजना है. 2024 की पहली तिमाही में इस मिशन को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से लांच किया जाएगा, जो गगनयान LVM3-G1 का पहला मानव रहित मिशन होगा. गगनयान मिशन की लागत लगभग 10000 करोड रुपए है. यह मिशन पूर्ण रूप से स्वदेशी होगा. इस मिशन में HLVM 3 का प्रयोग किया जाएगा. इसके ऊपरी हिस्से में क्रू स्केप सिस्टम है.
मिशन गगनयान के कुछ प्रमुख लक्ष्य
1. गगनयान मिशन का उद्देश्य LEO को मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन शुरू करने के लिए स्वदेशी क्षमता को दिखाना है.
2. पृथ्वी के निचली कक्षा में मानव को भेजना और उन्हें सुरक्षित वापस पृथ्वी पर लाने की क्षमता प्रदर्शित करना, इस मिशन का मुख्य उद्देश्य है.
3. इस कार्यक्रम से देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन मिलेगा.
4. इस मिशन के तहत सौर्य मंडल से पड़े ज्वालामुखी के लिए सौरमंडल और रोबोटिक कार्यक्रम की प्रगति में मदद मिलेगी.
5. इसके तहत यह पूर्ण रूप से पता चलेगा कि अंतरिक्ष में यात्रियों को भेजा जा सकता है या नहीं.