आज के समय में बॉलीवुड में एक कलाकार बनने के लिए कितने मेहनत और संघर्ष करने पड़ते हैं यह उस कलाकार को पता है जो आज इस मुकाम पर है. हर किसी को अपने मां- बाप का नाम नहीं मिलता है जिस कारण वह आसानी से बॉलीवुड में अपनी जगह बना सके. इसके लिए सालों साल मेहनत करनी पड़ती है और कई बार मेहनत के बावजूद भी मनचाहा काम नहीं मिल पाता है, पर आज हम एक ऐसे कलाकार की बात करने जा रहे हैं जिसे पान की दुकान पर अपनी पहली फिल्म ऑफर हुई थी और बाद में उनका जलवा ऐसा चला कि वह हीरो से भी ज्यादा फीस लेने लगे. इतना ही नहीं फिल्मों में खलनायक के रूप में वह लोगों को इतना पसंद आए कि कई फिल्में उनकी वजह से हिट हो जाती थी.
बॉलीवुड के मशहूर कलाकार प्राण का परिचय बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता प्राण का जन्म 12 फरवरी 1920 को दिल्ली में हुआ. उन्होंने 12वीं की परीक्षा रामपुर के राजा हाई स्कूल से पास की. उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1940 में की और विभाजन से पहले लगभग 22 फिल्मों में अभिनय किया. यह 1938 की बात है. लाहौर के एक पान की दुकान पर खड़े प्राण की मुलाकात जिस शख्स से हुई, उसने उनकी जिंदगी बदल दी. लेखक मोहम्मद अली ने उन्हें पान की दुकान पर पान वाले से एक अलग ही अंदाज में बात करते देखा जिससे वह काफी प्रभावित हुए और उन्होंने प्राण को पहले ही नजर में अपने पंजाबी फिल्म यमला जट्ट के लिए साइन कर लिया. यह प्राण की पहली फिल्म थी जो सुपरहिट रही पर हिंदी फिल्मों में उन्हें पहला ब्रेक 1965 में फिल्म खानदान से मिला जिसमें उनकी एक्ट्रेस नूरजहां थी. ज़िद्दी फिल्म के बाद इस दशक के लगभग सभी फिल्मों में वह खलनायक के रोल में नजर आए. 1940 से 1947 तक उन्होंने फिल्मों में नायक की भूमिका निभाई. इसके बाद वह खलनायक बन गए. इसके बाद उन्होंने फरिश्ता, पत्थर के सनम, भाई बहन, धर्म, अधिकारी, पाप की दुनिया, अमन, अमरदीप, मां-बाप, जिस देश में गंगा बहती है, पूरब और पश्चिम, जॉनी मेरा नाम, गोपी, बॉबी, गंगा की सौगंध, खून की पुकार, तुम जियो हजारों साल जैसे कई सुपरहिट की. वह चुनिंदा कलाकारों में से एक थे जिन्होंने फिल्मों में नायक बनने के बाद मिलने वाली लोकप्रियता की गलतफहमी को लोगों की दिलों से निकला था, जिस वजह से वह सदी के खलनायक कहे जाने लगे थे.
प्राण के जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जो उनके फैन जानना चाहेंगे 1. 1997 में उन्हें फिल्म फेयर लाइफटाइम अचीवमेंट किताब से नवाजा गया.
2. हीरो से भी ज्यादा फीस लेने वाले प्राण ने राज कपूर की फिल्म बॉबी मात्र ₹1 में साइन की थी. उसे वक्त राज कपूर आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे.
3. शिमला में 1938 में आयोजित रामलीला में भी उन्होंने हिस्सा लिया था जिसमें वह सीता के रोल में नजर आए थे.
4. प्राण बचपन से एक फोटोग्राफर बनना चाहते थे लेकिन उनकी किस्मत ने उन्हें एक्टर बना दिया.