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आप भी होम्योपैथी और एलोपैथ की दवाओं का एक साथ सेवन करते हैं तो जरूर पढ़िए यह रिपोर्ट

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आज के समय में एक साथ दो दवाओं का सेवन करने से पहले लोग जरूर हिचकिचाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि शरीर पर इसके क्या प्रभाव होंगे, लोग इससे अनजान है. कई बार लोग इस बात से घबराते हैं कि कहीं यह शरीर में रिएक्शन ना कर जाए. होम्योपैथी और एलोपैथी दवाओं को लेकर लोग इसी शंका में रहते हैं कि कहीं एक दवा दूसरे दवा पर हावी ना हो जाए, पर वाकई में ऐसा नहीं है. आज के समय में कई ऐसे लोग हैं जो होम्योपैथी और एलोपैथी दवा का डॉक्टर के परामर्श पर सेवन कर रहे हैं और उनकी कई बीमारियां भी इससे ठीक हो चुकी है. परंतु आवश्यक है कि इन्हें कब और कैसे लेना है इसकी जानकारी होना जरूरी है. आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह दोनों दवा को आप एक साथ सेवन कर सकते हैं और यह किस तरह आपके शरीर में अलग-अलग तरह से काम करता है.

होम्योपैथी और एलोपैथिक दवा का परिचय और उनके बीच फर्क
होम्योपैथिक एक खास तरह की चिकित्सा प्रणाली है जो विश्वास पर आधारित है कि शरीर स्वयं को ठीक कर सकता है. होम्योपैथिक दवाइयां जब भी बनती है तब किसी भी पौधे से उसका एक्सट्रैक्ट निकाल कर बनाई जाती है. इसका मतलब है कि पौधे के रस का इस्तेमाल इसमें किया जाता है. होम्योपैथी की दवा हमारे शरीर में धीरे-धीरे असर करती है परंतु वह रोग को जड़ से खत्म करने में सक्षम है. वहीं दूसरी ओर आधुनिक चिकित्सा विज्ञान को एलोपैथिक के नाम से जाना जाता है. एलोपैथिक दवा से इलाज करने से पहले डॉक्टर लक्षणों को नोटिस करते हैं. इसके बाद ही दवा दी जाती है. इससे तुरंत राहत मिलती है और बीमारी शीघ्र ठीक होने में मदद होती है. यही वजह है की एलोपैथिक दवा का हमारे शरीर पर साइड इफेक्ट भी होता है. इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि हम जब भी एलोपैथिक दवा का सेवन करें तो हम अच्छे डॉक्टर से परामर्श लें ताकि वह हमें सही पावर की दवा दे, ताकि वह हमारे शरीर पर ज्यादा नुकसान ना करे.

क्या हम एक साथ दोनों दबाव का सेवन कर सकते हैं : कई बार लोग यह समझते हैं कि एक साथ दो तरह की दवा का सेवन करना हमारे शरीर को नुकसान पहुंचता है, पर वास्तव में ऐसा नहीं है. अगर आप हाई ब्लड प्रेशर, थायराइड, हृदय की समस्या, शुगर आदि के लिए अपने नियमित दवा के साथ होम्योपैथिक दवा को सुरक्षित रूप से ले रहे हैं तो यह पूरी तरह से सही है. जब आप अपना होम्योपैथी उपचार शुरू करते हैं तो अपनी एलोपैथिक दवा को अचानक बंद करने की कोई आवश्यकता नहीं है. कई बार मरीज सिर्फ यह देखने के लिए ऐसा करते हैं कि होम्योपैथिक उनकी मदद कर रही है या नहीं. हालांकि इस बीच डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है कि आपकी जो समस्या है उसमें आप किस तरह से इन दोनों दवा का सेवन कर सकते हैं. एक बात अवश्य ध्यान रखें की होम्योपैथिक दवा और एलोपैथिक दवा का सेवन करने के बीच पर्याप्त समय का गैप होना चाहिए. अगर हम होम्योपैथिक दवा का सेवन कर रहे हैं तो हमें उस काल में लहसुन,प्याज और अचार जैसे तेज गंध वाले चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे होम्योपैथिक दवा का असर कम होता है और हमें लगता है की अंग्रेजी दवा साथ खाने की वजह से हम पर इसका असर नहीं हो रहा.

इस बात का विशेष ध्यान रहे कि जब आप होम्योपैथिक दवा का सेवन कर रहे हैं तो उस दौरान आप अचार,लहसुन और प्याज जैसी तेज गंध वाली चीजों का प्रयोग ना करें.

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